कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने देश में बढ़ती आर्थिक समस्याओं को देखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने दुनिया भर से आने वाले छात्रों की संख्या को कम करने का ऐलान किया है।
कनाडा अंतर्राष्ट्रीय छात्र परमिट: कनाडा सरकार ने विदेशी छात्रों के लिए स्टडी परमिट की संख्या को घटाने का बड़ा निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को इस फैसले की घोषणा की, जिसके तहत इस साल स्टडी परमिट की संख्या में 35% की कमी की जाएगी, और अगले साल इसमें 10% की और कटौती की जाएगी।
इस कदम का प्रभाव लगभग 4.27 लाख भारतीय छात्रों पर पड़ेगा, जो कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। भारतीय छात्रों के लिए कनाडा एक प्रमुख शिक्षा गंतव्य रहा है, और वर्तमान में 13,35,878 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 4,27,000 कनाडा में हैं। हाल के वर्षों में कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या में 260% की वृद्धि हुई है। इस फैसले के बाद, भारतीय छात्र अन्य लोकप्रिय गंतव्यों जैसे अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया की ओर भी रुख कर सकते हैं।
विदेशी कामगारों पर भी पड़ेगा इसका असर
कनाडा सरकार ने अस्थायी विदेशी कामगारों पर भी नया फैसला लागू किया है, जिसके तहत कुछ छात्रों और अस्थायी विदेशी कामगारों के जीवनसाथी के लिए वर्क परमिट की पात्रता भी सीमित की जाएगी। यह कदम अस्थायी निवासियों की कुल जनसंख्या को 5% तक सीमित करने के वादे के तहत उठाया गया है; वर्तमान में यह अनुपात अप्रैल में 6.8% था।
कनाडा में हाल ही में आवासीय संकट और जीवन यापन की लागत में वृद्धि की समस्या उभरी है, और प्रवासियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सरकार का मानना है कि अस्थायी निवासियों की संख्या को नियंत्रित करके इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।