कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि कनाडा में अशांति है और देश की जनता बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति की समस्या का सामना कर रही है।
कनाडा मुद्रास्फीति संकट: कनाडा में बढ़ती महंगाई और महंगे आवास के मुद्दे ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की चिंता और बढ़ा दी है। एक कनाडीयन सर्वे के अनुसार, यदि वर्तमान में चुनाव होते हैं, तो जस्टिन ट्रूडो चुनावों में हार सकते हैं। इस सर्वे के बाद, प्रधानमंत्री ट्रूडो से उनके पद से इस्तीफा देने के सवाल उठे हैं, लेकिन उन्होंने इसको खारिज कर दिया है।
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, ट्रूडो ने सवाल के उत्तर में कहा, “चुनावों के लिए अभी दो साल का समय है, मैं प्रधानमंत्री के तौर पर काम जारी रखूंगा। हमें कई महत्वपूर्ण काम करने की आवश्यकता है। जब बात काम करने की होती है, तो मैं हमेशा उत्सुक और आत्मविश्वासी रहता हूँ।”
विपक्षी नेता लगातार उनसे इस विषय पर सवाल कर रहे हैं। लिबरल पार्टी के नेताओं ने कनाडा की मीडिया को यह भी उठाया है कि ट्रूडो सरकार के पास महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है। ट्रूडो ने माना है कि देश में हंगामा है और जनता महंगाई से परेशान है। उन्होंने कहा है, “पूरे देश में अफसोस की माहौल है। महंगाई के कारण हम कई समस्याओं से गुजर रहे हैं। मैंने बताया है कि मैं अगले सप्ताह संसद में इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने की बात करूंगा।”
भारत आए थे पीएम ट्रुडो?
पीएम जस्टिन ट्रूडो पिछले हफ्ते जी-20 समिट में भाग लेने के लिए भारत आए थे, और उन्होंने यहाँ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की थी। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने खालिस्तान के मुद्दे को भी उठाया था।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद, खालिस्तान के मुद्दे और विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “पीएम मोदी के साथ हमने इन दोनों मुद्दों पर कई बातचीत की है। कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा। यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”
भारत से लौटते वक्त खराब हुआ था विमान?
जी-20 समिट के समापन के बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विमान में खराबी हो गई, जिसके कारण उन्हें एक दिन के लिए भारत में रुकना पड़ा था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने पीएम ट्रूडो को भारतीय विमान का इस्तेमाल करने की पेशकश की थी, लेकिन कनाडा ने इस पेशकश को मना कर दिया।