कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थकों ने हिंदुओं पर अचानक हमला कर दिया. इस दौरान हिंदुओं के साथ मारपीट की गई.
कनाडा में हिंदुओं पर हमला: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया यह हमला अत्यंत निंदनीय है। आलोक कुमार ने सोमवार (4 नवंबर) को बताया कि इस घटना के संदर्भ में भारतीय दूतावास ने तीन दिन पहले कनाडा सरकार को सुरक्षा के लिए पूर्व सूचना दी थी, लेकिन इस अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने उल्लेख किया कि 31 अक्टूबर को दीवाली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि “इंडो-कैनेडियन कनाडा के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते हैं” और यह भी आश्वासन दिया था कि वह हिंदू कनाडाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे, ताकि वे स्वतंत्र रूप से और गर्व से अपने धर्म का पालन कर सकें।
‘पहले भी हो चुके हैं हिंदू मंदिरों पर हमले’
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की घोषणाओं को खोखली करार दिया है। वीएचपी के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यह घटना पहली बार नहीं हुई है; इससे पहले भी ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया और ब्रैंपटन में हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं।
कुमार ने कहा कि कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता कम हो रही है और उनके सांसदों ने सार्वजनिक रूप से उनसे इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रूडो की कुर्सी खालिस्तानी समर्थक सांसदों पर निर्भर है, इसलिए उनका खुला समर्थन खालिस्तानियों के साथ है। उनके इस रवैये से भारत और कनाडा के बीच रिश्ते भी खराब हो रहे हैं। वीएचपी ने कनाडा के लोकतंत्र, कानून का राज और धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के हनन की भी आलोचना की है।
आलोक कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि कनाडा की वर्तमान सरकार और खालिस्तानी समर्थकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वहां के हिंदुओं को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है और आवश्यकता पड़ने पर वे इसका प्रयोग करेंगे। इस तरह की घटनाओं के प्रति वीएचपी ने कड़ा विरोध व्यक्त किया है।