संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को शातकालीन सत्र के लिए बुलाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
संसद का शीतकालीन सत्र: 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर संयुक्त सत्र का आयोजन किया जाएगा, जो पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में होगा। यह कार्यक्रम संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करके बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से प्रारंभ होगा और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, “माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की सिफारिश पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की आवश्यकताओं के अनुसार) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”
हंगामेदार हो सकता है शीतकालीन सत्र
18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश होने की उम्मीद है, जिनमें वक्फ विधेयक और वन नेशन वन इलेक्शन जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी संसद में चर्चा के लिए लाया जा सकता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसके चलते इन प्रस्तावों पर विपक्ष की ओर से तीखा विरोध देखने को मिल सकता है। इस कारण, संसद के शीतकालीन सत्र में जोरदार हंगामे की संभावना जताई जा रही है।
इससे पहले, 18वीं लोकसभा के पहले मानसून सत्र में 12 बिल पेश किए गए थे, जिनमें से चार बिलों को पास किया गया था। ये चार बिल हैं: वित्त विधेयक 2024, विनियोग विधेयक 2024, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक 2024, और भारतीय वायुयान विधेयक। मानसून सत्र 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चला था।