प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 2,144 पन्नों की चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल की गई है। यह विशेष अदालत सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने जद(एस) से निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना को एक बड़ा झटका देते हुए उनकी रेप केस में दाखिल जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने यह आदेश सुनाया। रेवन्ना के वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग नवदगी ने अदालत में तर्क दिया कि धारा 376 के तहत कोई अपराध नहीं बनता, क्योंकि यह संबंध सहमति से हुआ था। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला द्वारा चार साल की देरी से आरोप लगाने का स्पष्टीकरण असंतोषजनक बताया।
वहीं, अभियोजन पक्ष के वरिष्ठ वकील रविवर्मा कुमार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि रेवन्ना जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी जांच के लिए नहीं सौंपा है। इसके अलावा, उन्होंने फोरेंसिक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि अपराध स्थल वीडियो की बैकग्राउंड से मेल खाता है।
एसआईटी ने दायर की 2,144 पन्नों की चार्जशीट
24 अगस्त 2024 को, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के चार मामलों में से एक में 2,144 पन्नों की चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल की। यह अदालत सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है। एसआईटी ने प्रज्वल रेवन्ना पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक महिला का बलात्कार किया, जो उनके परिवार के लिए घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी।
कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना?
प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। उनके पिता, एच.डी. रेवन्ना, कर्नाटक के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं। प्रज्वल रेवन्ना ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हासन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर सांसद बने थे। अपने प्रभावशाली राजनीतिक परिवार की वजह से प्रज्वल रेवन्ना का राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है।