नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा (LET) से जुड़े संदिग्ध आतंकी आदिल मंजूर लंबू की प्रॉपर्टी जब्त की है, जो गैर-कश्मीरियों की हत्या में शामिल था।
कश्मीर आतंकवाद: नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संदिग्ध आतंकी आदिल मंजूर लंबू की संपत्ति जब्त कर कड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई श्रीनगर के शाला कदल इलाके में दो गैर-कश्मीरी लोगों की हत्या के मामले में की गई है, जिसमें आदिल मंजूर मुख्य आरोपी हैं। एनआईए ने इस हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार और कारतूस भी बरामद किए हैं, जो लंबू के पिता की संपत्ति पर छुपाए गए थे।
एनआईए के अनुसार, आदिल मंजूर ने अपने साथी एहरण रसूल डर और दाऊद के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी। ये सभी आतंकी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में थे। इनका उद्देश्य कश्मीर में बाहरी राज्यों से आए लोगों को डराना और माहौल को खराब करना था। इस साजिश के तहत, 7 फरवरी को इन्होंने कश्मीर में दो गैर-कश्मीरी लोगों की हत्या कर दी थी, ताकि कश्मीरी समाज में भय फैलाया जा सके और स्थिति को अस्थिर किया जा सके।
मास्टरमाइंड अब भी फरार
इस मामले में पाकिस्तान में स्थित मास्टरमाइंड जहांगीर अभी तक फरार है, और एनआईए ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो फिलहाल श्रीनगर की जेल में बंद हैं। एनआईए की इस कार्रवाई से आतंकी संगठनों के मंसूबों पर कड़ा प्रहार हुआ है, और यह संदेश गया है कि आतंकवादियों के खिलाफ भारत की जांच एजेंसियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
एनआईए ने इस जांच में यह भी पाया कि “The Resistance Front” (TRF) लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन है। यह संगठन न केवल बाहरी राज्यों से आए लोगों को निशाना बनाता है, बल्कि दूसरी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या में भी शामिल है। TRF कश्मीर में कई हिंसक गतिविधियों और भारतीय सुरक्षा बलों पर हमलों का भी जिम्मेदार रहा है।
एनआईए की इस कार्रवाई से घाटी में आतंक फैलाने वाले संगठनों पर कड़ा संदेश गया है। आतंकियों के नेटवर्क पर दबाव बनाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने से उनकी गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। यह कदम आतंकवादियों को यह संकेत देता है कि उनके खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे कड़े कदमों से वे बच नहीं सकते।