कर्नाटक में बजरंग दल पर बैन लगेगा या नहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस के सूत्रों ने गुरुवार (8 जून) को जवाब दिया है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान इसे प्रतिबंधित करने का वादा किया था।
बजरंद दल बन: कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार फिलहाल बजरंग दल पर बैन लगाने के मूड में नहीं है, इसकी जानकारी कांग्रेस के सूत्रों ने एबीपी न्यूज को गुरुवार (8 जून) को दी। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया सरकार फिलहाल बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय नहीं लिया है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पीएफआई और बजरंग दल का उल्लेख केवल उदाहरण के तौर पर किया गया था। सूत्रों ने आगे कहा है कि आने वाले दिनों में यदि कोई संगठन शांति व्यवस्था और सौहार्द के खिलाफ कार्य करेगा तो कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस ने क्या कहा था?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बयान किया था कि कर्नाटक में सत्ता में आने पर वे बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएंगी। इसके साथ ही, पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा है कि वे मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और यदि कोई ऐसा संगठन है जो नफरत और शुत्रता फैलाता है, तो कांग्रेस कार्रवाई करेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे संगठन बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के बीच हों, कोई भी संविधान का उल्लंघन करने वाला संगठन बैन के तहत होगा।
बंजरग दल बैन बना था बड़ा मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के चुनावी वादों पर निशाना साधा गया था और उन्होंने इसे बजरंगबली के भक्तों को ताले में बंद करने का प्रयास बताया था। इसके बाद, बीजेपी नेताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और भगवान हनुमान को बजरंग दल से जोड़ने का प्रयास किया गया। कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए इसे नकारा और बताया कि भगवान हनुमान को बजरंग दल से जोड़ना उचित नहीं है। इसके बाद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने राज्य में जगह-जगह हनुमान मंदिर बनाने का एलान किया है।
कांग्रेस ने कर्नाटक की 224 सीटों में से 135 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी ने 66 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। जेडीएस केवल 19 सीटों पर सीमित रही थी। इसके बाद, यह उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस बजरंग दल पर कार्रवाई करेगी।