कानपुर के शहीद करण सिंह यादव की पत्नी ने उनके पार्थिव शरीर को लाने के लिए पुंछ पहुंच गई हैं. उन्हें 21 दिसंबर को हुए आतंकी हमले में ब्रेवली और पराक्रमी सैनिकों के साथ शहीद होने का समाचार मिला था.
कानपुर समाचार: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में पांच सैनिकों ने अपने प्राणों की बलिदान दी है. सेना के नगरोटा मुख्यालय वाली व्हाइट नाइट कोर ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स-पोस्ट हैंडल पर इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने इस संदर्भ में चार सैनिकों की बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया. इनमें कानपुर के करण सिंह यादव भी शामिल हैं.
करण सिंह यादव, जो चौबेपुर के भाऊपुर गांव में निवास करते थे, जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं. उनके परिवार का कहना है कि वह गाँव का सबसे कमाने वाला व्यक्ति थे और उनकी मौजमस्ती और प्यारे व्यक्तित्व से गाँववालों के बीच प्रिय थे. उन्हें अपने दो बच्चों, एक बेटी और एक बेटे को छोड़कर शहीद होने का बड़ा शोक है. शहीद के परिवार का कहना है कि गाँव में आशीर्वाद की जा रही है और उन्हें इस समय में समर्थन और साथ होना बहुत जरूरी है.
आतंकवादियों के छिपे होने की थी जानकारी
सुरक्षा बलों ने सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की गुप्त जानकारी के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया था. बफलियाज़ में डेरा की गली (डीकेजी) क्षेत्र में एक जिप्सी और एक ट्रक सहित सेना के दो वाहन आतंकवादी गोलीबारी की चपेट में आ गए, जब ये वाहन सैनिकों को ऑपरेशन स्थल पर ले जा रहे थे.
आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच शुरूआती संपर्क में तीन जवानों ने अपने प्राणों की बलिदान दी. बाद में, दो अन्य सैनिक ने गंभीर चोटों के कारण नजदीकी चिकित्सा सुविधा में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हमले के दौरान सैनिकों और आतंकवादियों के बीच हाथापाई भी हुई. छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की निगरानी के लिए सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. यह इस साल पुंछ जिले में हुई दूसरी बड़ी घटना है.