कर्नाटक सरकार ने उडुपी जिले के कुंदापुर स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बी.जी. को वर्ष 2024-25 के लिए घोषित सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल पुरस्कार की घोषणा को रोक दिया है।
कर्नाटक समाचार: कर्नाटक शिक्षा विभाग ने रामकृष्ण बी.जी. के लिए घोषित बेस्ट प्रिंसिपल अवार्ड को रोक दिया है। उन पर 2021-22 में हिजाब विवाद के दौरान हेडस्कार्फ़ पहनने वाले छात्रों को कक्षा के बाहर धूप में खड़ा करने का आरोप है।
हालांकि, कुंडापुर में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बी.जी. ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनका पुरस्कार वापस नहीं लिया गया है।
शिक्षा विभाग ने इस मामले में तकनीकी समस्याओं के कारण ‘विलंब’ की बात की है, लेकिन इसके पीछे के कारण स्पष्ट नहीं किए हैं। विभाग ने मंगलवार को रामकृष्ण और ए राम गौड़ा के लिए यह पुरस्कार घोषित किया था। उडुपी में पीयू विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस विवाद से अनजान होने की बात की है।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने जताई आपत्ति
हिजाब विवाद के संदर्भ में कुंडापुर के प्रिंसिपल रामकृष्ण बी.जी. के नाम पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने कड़ी आपत्ति जताई है। विवाद के बाद, रामकृष्ण ने दावा किया कि उन्हें गुमनाम नंबरों से नफरत भरे संदेश मिल रहे हैं। दिसंबर 2021 में उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब के मुद्दे को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिसके चलते कम से कम 28 छात्रों को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से रोका गया था।
एसडीपीआई दक्षिण कन्नड़ के अध्यक्ष अनवर सदाथ बजाथुर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जिस प्रिंसिपल ने हिजाब पहनने के कारण मुस्लिम छात्रों को महीनों तक धूप में खड़ा रखा, उसके पास प्रिंसिपल होने का नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस सरकार ने उन्हें राज्य पुरस्कार के लिए क्यों नामांकित किया है?”