कोमा में लंबे समय से पीड़ित बच्चों को ठीक करने का झांसा देकर साधु होने का दावा करने वाले दो शातिर व्यक्तियों को कोटा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग चाचा-भतीजे के तौर पर जुड़े हुए हैं और ऐसी 16 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
एक साधु ने एक शिक्षित परिवार को अपने मनोहारी शक्तियों के द्वारा इतना प्रभावित किया कि परिवार के सदस्यों ने अपने ही हाथों से घर के सभी गहनों को हटा दिया। साधु ने किसी भी सदस्य को छूने की नहीं कोशिश की और गहने चोरी हो गए। क्या यह मनोहारण, सफाई या धोखाधड़ी थी, इसका जांच किया जा रहा है। पुलिस ने अथक प्रयास के बाद इस अनजान साधु को पकड़ लिया है। पूछताछ में, उससे एक के बाद एक आश्चर्यजनक खुलासे हो रहे हैं। यह साधु अब तक लगभग बारह लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है।
अब तक कितनी वारदातें कर चुके हैं
कुन्हाडी थाना क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि एक घटना में लंबे समय से कोमा में पड़े एक बच्चे को ठीक करने का दावा करके ठगी की गई है। इस मामले में पुलिस ने दो शातिर साधुओं को गिरफ्तार किया है, जो रिश्ते में सगे मामा-भांजे हैं। ये दोनों अब तक इस तरह की 16 वारदातों को कर चुके हैं।
चौधरी ने बताया कि तीन जून 2023 को हरिओम मीणा ने आदर्श नगर कुन्हाडी कोटा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत की थी कि एक व्यक्ति साधु के आवेश में उनके घर से सोने के गहने चुरा लिए हैं। इसके बाद, एक स्पेशल टीम को गठित किया गया और शंकर लाल, पुलिस उप-अधीक्षक के पर्यवेक्षण में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अथक प्रयास किए गए। इस टीम ने तकनीकी आधार पर साधु की पहचान की और उसे हरियाणा के पलवल जिले में स्थित चांदहट गांव से गिरफ्तार किया गया। उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम के सामने उसके सहयोगियों ने हंगामा मचाया।
चाय पीने के बहाने पहुंचा पीड़ित के घर
इस बातचीत के आधार पर यह ज्ञात होता है कि बाबा ने अपनी चमत्कारिक क्षमताओं का इस्तेमाल करके लोगों को मोहित किया और उनके सोने के जेवरों को चुरा लिया। बाबा ने लोगों को धोखा देते हुए अपने चमत्कारिक शक्तियों का प्रदर्शन किया और उन्हें सोने के जेवरों की जगह एक पर्स में धोखेबाजी से छुपा दिया। इसके बाद बाबा ने ताजगी का ढोंग करते हुए वापस गाड़ी पर बैठकर छोड़ दिया। जब लोगों ने पर्स को खोला तो वे देखा कि सोने के जेवर गायब हो गए हैं। यह एक ठगी की घटना है जिसमें बाबा ने अपने चमत्कारिक दिखावे के ज़रिए लोगों को ठगा है। इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी कर दी है और जांच प्रक्रिया जारी है।
पुलिस इस तरह पहुंची ठगों तक
यह तथ्यों के आधार पर साफ होता है कि नवाब नाथ और संजीव नाथ एक ठगी गिरोह के सदस्य हैं जो लोगों को ठगने के लिए लग्जरी कार और साधु के वेश में विभिन्न शहरों में यात्रा करते हैं। ये अपराधियों ने घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी कैमरा और गाड़ी के रिकार्ड के माध्यम से पुलिस के द्वारा आगे बढ़ने में मदद की है। पुलिस ने उन्हें दबीश देकर गिरफ्तार कर लिया है और ठगी के दौरान चोरी की गई सोने के जेवरात और एक लग्जरी कार को भी बरामद किया है।
इस घटना में नवाब नाथ और संजीव नाथ के रिश्तेदारों ने पुलिस की टीम का विरोध किया है, जो इस अपराधिक कार्य की जांच कर रही है। कोटा पुलिस ने हरियाणा पुलिस के सहयोग से इन अपराधियों को गिरफ्तार किया है और उनके ठगी द्वारा चोरी की गई सोने के जेवरात और लग्जरी कार को भी बरामद किया है। यह मामला उच्चस्तरीय ठगी का प्रमाण है जहां अपराधी लोगों को धोखे के साथ चमकदार तरीके से ठग रहे थे।
इन शहरों में भी कर चुके हैं वारदात
यह तथ्य साबित करता है कि नवाब नाथ और संजीव नाथ दोनों अत्यंत चालाक और शातिर ठगी के बदमाश हैं। उन्होंने अपने धोखे की तकनीकों का उपयोग करके लोगों को भ्रमित किया और उनकी आंखों के सामने ही झाड़फूंक और उपचार के नाम पर हाथ की सफाई करते हुए पैसे और सोने-चांदी के जेवरात छीन लिए हैं। ये दोनों ठग अब तक कई शहरों में इसी तरह की ठगी की वारदात कर चुके हैं, जैसे कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, पलवल, अमरोहा, गुडगांव, दिल्ली, मुरैना, बूलंदशहर, जट्टारी, अलीगढ, बहादुरगढ़, झज्जर, सोनीपत, बदायूं, नोएडा आदि। इससे साफ होता है कि ये ठग व्यापारी एक व्यापक क्षेत्र का शिकार बना रहे हैं।