कोलकाता रेप और मर्डर केस की जांच अब सीबीआई के जिम्मे है। एजेंसी ने इस मामले की गहराई से जांच करते हुए कई संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मामला: कोलकाता पुलिस ने गुरुवार (29 अगस्त) को सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर चल रही उन खबरों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि कथित बलात्कार और हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर के शव को ढकने के लिए इस्तेमाल की गई चादर का रंग जांच के दौरान बदल दिया गया था।
कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्जी ने इन दावों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और कुछ टीवी चैनलों पर चल रहे वीडियो क्लिप्स में कहा गया है कि चादर का रंग नीले से अलग था, जो कि गलत है।
मुखर्जी ने बताया कि पुलिस ने क्राइम सीन की पूरी तरह से डॉक्यूमेंटेशन की थी और घटना के दिन दोपहर करीब 12:25 बजे से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, शव को ढकने के लिए हमेशा नीली चादर का ही इस्तेमाल किया गया था, न कि हरी चादर का।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ न्यूज चैनलों ने दावा किया कि पीड़िता के शव को ढकने वाली चादर का रंग रहस्यमय ढंग से बदल गया था। रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि जूनियर डॉक्टरों और पीड़िता के माता-पिता ने चादर के रंग को लेकर अलग-अलग जानकारी दी थी।