फरहतुल्लाह गौरी, जिसे अबू सूफियान, सरदार साहब, और फारू के नाम से भी जाना जाता है, कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा हुआ है। इनमें 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले का मामला भी शामिल है।
आतंकी फरहतुल्लाह गोरी का वायरल वीडियो: इन दिनों एक वीडियो ने भारतीय खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। वीडियो में आतंकवादी फरहतुल्लाह गौरी स्लीपर सेल के माध्यम से भारत भर में ट्रेनों पर हमले करने की योजना बना रहा है। वीडियो सामने आने के बाद से ही खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
India Today ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि फरहतुल्लाह गौरी, जो पाकिस्तान में रह रहा है और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सहयोग से संचालित हो रहा है, ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट की साजिश रची थी।
वीडियो में गौरी, जो भारतीय एजेंसियों के रडार पर लंबे समय से है, स्लीपर सेल को भारत के रेलवे नेटवर्क को बाधित करने के लिए प्रेरित करता है। वह प्रेशर कुकर का उपयोग करके बम विस्फोट करने के विभिन्न तरीकों का वर्णन कर रहा है।
गौरी वीडियो में भारत की पेट्रोलियम पाइपलाइनों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाने की योजनाओं के बारे में भी बात करता है। वह यह भी कहता है कि भारत सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) के माध्यम से उनकी संपत्तियों को निशाना बनाकर स्लीपर सेल को कमजोर कर रही है, लेकिन वह आश्वस्त करता है कि वे वापस आएंगे और सरकार को हिला देंगे। इस वीडियो को लगभग तीन हफ्ते पहले टेलीग्राम पर जारी किया गया था।
कौन है फरहतुल्लाह गौरी?
फरहतुल्लाह गौरी, जिसे अबू सूफियान, सरदार साहब, और फारू के नाम से भी जाना जाता है, कई हाई-प्रोफ़ाइल आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है। इनमें 2002 का अक्षरधाम मंदिर हमला शामिल है, जिसमें 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 80 घायल हुए थे। गौरी हैदराबाद में 2005 में हुए आत्मघाती हमले के पीछे भी था, जो टास्क फ़ोर्स ऑफिस पर हुआ था। पिछले साल, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश से तीन मोस्ट-वॉन्टेड आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और बताया कि गौरी कथित तौर पर ऑनलाइन जिहादी भर्ती का आयोजन कर रहा था और आतंकवादियों का हैंडलर था। कुछ महीने पहले, दिल्ली पुलिस ने पुणे-आईएसआईएस मॉड्यूल के कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और गौरी का नाम भी इस संदर्भ में सामने आया। अधिकारियों ने दावा किया कि आईएस भारत में स्लीपर सेल चला रहा था और हमलों के लिए युवाओं की भर्ती कर रहा था।
रामेश्वरम हमले से जुड़ी जानकारी:
1 मार्च 2024 को रामेश्वरम में हुए विस्फोट में करीब 10 लोग घायल हुए थे। एनआईए ने 12 अप्रैल को दो मुख्य आरोपियों, अब्दुल मथीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब, को गिरफ्तार किया। ताहा इस हमले का मास्टरमाइंड था, जबकि शाजिब ने कथित तौर पर कैफे में आईईडी रखा था। उन्हें कोलकाता के पास एक लॉज से गिरफ्तार किया गया, जहां वे फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे। दोनों आरोपित कर्नाटक के शिवमोगा स्थित इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल के सदस्य हैं, जिसका सदस्य शारिक नवंबर 2022 में मंगलुरु में विस्फोट करने में शामिल था। फरहतुल्लाह गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में स्लीपर सेल का एक मजबूत नेटवर्क है। फैसल रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और इस मामले में एक हैंडलर के रूप में कार्यरत था।