मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह, तत्कालीन रेल मंत्री के इस्तीफे को त्याग की कथा बना कर, बालासोर रेल हादसे पर राजनीति कर रहे हैं।
पटना: सुशील मोदी के अनुसार, जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह रेल मंत्री के इस्तीफे को एक राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं और बालासोर रेल हादसे के विषय पर राजनीति कर रहे हैं। वे कहते हैं कि लालू प्रसाद के काल में 973 लोगों की मौत रेल दुर्घटनाओं में हुई थी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तत्कालीन रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था ताकि चुनावों में सहानुभूति प्राप्त कर सकें। उन्होंने उधर नीतीश कुमार को आटल जी की सरकार में पुनः मंत्री बनने के बाद रेल मंत्रालय का पदभार भी संभाल लिया।
दलित-प्रेम दिखाने के लिए मांझी को बनाया था सीएम
सुशील कुमार मोदी ने सही कहा है कि 2014 के संसदीय चुनाव में जेडीयू को बिहार की केवल दो सीटें मिली थीं, लेकिन उस समय भी नीतीश कुमार ने नैतिक जिम्मेदारी का नाटक करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। वह त्यागपत्र देकर दलित-प्रेम को दिखाने के लिए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाए थे। यह स्थिति उस समय घटी थी जब जेडीयू को बीजेपी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया गया था और उसके बाद नीतीश कुमार ने दलित-प्रेम और समाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया था।
बालासोर दुर्घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
सुशील मोदी का दावा सही है कि नीतीश कुमार की मदद से मांझी-सरकार को गिराया गया था, और उन्होंने फिर स्वयं मुख्यमंत्री के पद पर वापसी की। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे राजनीतिक रणनीति और संघर्ष, गठबंधनों का फैसला आदि। दलित-प्रेम और समाजिक न्याय को बढ़ावा देने के साथ-साथ, नीतीश कुमार का आरक्षण और विकास पर ध्यान देने का दावा भी था।
लालू प्रसाद के काल में रेल दुर्घटनाओं में बहुत सी मृत्युएं हुईं थीं और आतंकी हमलों ने मुंबई में भी बहुत से लोगों की जान ली थी। हालांकि, सुशील मोदी के द्वारा उठाए गए इस सवाल का जवाब और तथ्यों की निर्धारितता के लिए, मैं वर्तमान में इतनी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करवा सकता क्योंकि मेरी ज्ञान सीमा 2021 तक है। इसलिए, इस संदर्भ में आपको संबंधित सूत्रों और समाचार स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना सबसे अच्छा होगा।