अडिशनल सॉलिसिटर जनरल को कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वे केंद्र की तरफ से की गई कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराएं। याची विग्नेश शिशिर ने केंद्र से राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता की शिकायत की जांच करने की मांग की थी।
राहुल गांधी नागरिकता नवीनतम समाचार: राहुल गांधी की नागरिकता के मामले में लखनऊ बेंच के हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को याचिका और हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी भेजी है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर द्वारा केंद्र को भेजी गई शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। अडिशनल सॉलिसीटर जनरल (ASG) को निर्देश दिया गया था कि वे केंद्र की तरफ से की गई कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराएं। अब केंद्र के जवाब का इंतजार है, जिसके आधार पर अगले कदम उठाए जाएंगे।
क्या कहा है याचिकाकर्ता ने?
जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता के मुद्दे पर विस्तृत जांच का दावा किया है और कहा है कि उसके पास ऐसे दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के ई-मेल हैं, जो यह साबित करते हैं कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी है कि इस स्थिति में राहुल गांधी भारत में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं और वे लोकसभा के सदस्य पद पर नहीं रह सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने गांधी की ब्रिटिश नागरिकता के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने इसे भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध बताया और केस दर्ज करने की भी मांग की। याचिकाकर्ता का कहना है कि वे इस संबंध में सक्षम अधिकारियों से दो बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की।
इस मामले की सुनवाई अब 24 अक्टूबर को होगी, जब कोर्ट केंद्र द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी का इंतजार कर रहा है।
सुब्रमण्यम स्वामी भी उठा चुके हैं ये मुद्दा
बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे को कई बार उठाया है। उन्होंने नवंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर दावा किया था कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं, इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता और संसद की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। स्वामी ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया और सीबीआई जांच की मांग की, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
2016 में, पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद महेश गिरी ने भी लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर राहुल गांधी की नागरिकता पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। यह मामला एक समिति तक पहुंचा, जिसमें राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया। समिति को दिए गए अपने जवाब में राहुल ने कहा कि यह केवल उनकी छवि को खराब करने की कोशिश है और उन्होंने न कभी ब्रिटिश नागरिकता मांगी है और न ही रखी है।
2017 में, सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर से इस मुद्दे को उठाते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा और कार्रवाई की मांग की। इस प्रकार, यह मुद्दा विभिन्न अवसरों पर राजनीतिक चर्चाओं का विषय बना रहा है।