कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर संविधान से नफरत करने और मनुस्मृति की वापसी के इरादे का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या मोदी सरकार संविधान के मूल्यों को नकारना चाहती है?
खड़गे ने बीजेपी के एजेंडे पर उठाए सवाल: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सवाल किया, “भाजपा को भारत के संविधान से इतनी नफरत क्यों हो गई है?” और यह सवाल उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, असम के मुख्यमंत्री, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पूछा। खरगे ने कहा कि मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम किया था, फिर भी भाजपा और संघ परिवार लगातार संविधान के मूल्यों को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।
खरगे ने आगे लिखा, “भाजपा और आरएसएस के नेता अक्सर संविधान को नक्सलवाद से जोड़ने की कोशिश करते हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनका इरादा मनुस्मृति जैसे पुराने और विभाजनकारी सिद्धांतों को लागू करने का हो सकता है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आरएसएस ने अपने मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में 1949 में भारत के संविधान को नकारते हुए मनुस्मृति का समर्थन किया था। इस संपादकीय में यह तर्क दिया गया था कि मनुस्मृति का कानून दुनिया में सराहा जाता है, जबकि भारतीय संविधान को निरर्थक बताया गया।
‘संघ परिवार की नीतियां संविधान के आदर्शों से विपरीत रही हैं’
खरगे ने अपनी पोस्ट में आगे कहा, “देश में यह बात किसी से छुपी नहीं है कि जब भारतीय संविधान को लागू किया गया था, तब संघ परिवार ने संविधान की प्रतियां जलाने का काम किया था। पंडित नेहरू और बाबा साहेब अंबेडकर के पुतले भी जलाए गए थे। यह सब घटनाएं इस बात की गवाह हैं कि बीजेपी और संघ परिवार की नीतियां संविधान के आदर्शों के विपरीत रही हैं। वे दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।”