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क्यों दोबाना पार्टी कॉ-ऑर्डिनेटर बनाए गए आकाश आनंद…

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लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद ने नगीना में अपनी पहली चुनावी सभा की थी, और उनके भाषण की काफी सराहना हुई थी। हालांकि, यहां से बसपा का उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहा।

Lucknow: Bahujan Samaj Party (BSP) supremo Mayawati arrives for a meeting of party’s office bearers ahead of the 2024 Lok Sabha elections, at the party office in Lucknow, Sunday, Dec. 10, 2023. (PTI Photo/Nand kumar)(PTI12_10_2023_000051B)

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने करीब डेढ़ महीने बाद अपना फैसला पलटते हुए भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बना दिया है। इस बार उनकी जिम्मेदारियों को भी बढ़ा दिया गया है। पहले वह नेशनल को-ऑर्डिनेटर थे, लेकिन उनके पास उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी नहीं थी। अब उन्हें यूपी का कार्यभार भी सौंपा गया है। उपचुनाव से ठीक पहले आकाश आनंद की वापसी ने कई चर्चाओं को जन्म दिया है, और लोग इस राजनीतिक कदम के पीछे की वजह जानने के लिए उत्सुक हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताकर पार्टी को-ऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी के दायित्व से मुक्त कर दिया था। मायावती को महसूस हुआ कि यह चुनाव आकाश आनंद को लॉन्च करने के लिए सही समय नहीं था, इसलिए उन्होंने उन्हें बीच चुनाव से हटा दिया। यह माना जा रहा है कि आकाश आनंद को लॉन्च करने की समय सही नहीं थी, जिसे अब मायावती ने सुधार लिया है। ऐसा लगता है कि मायावती का आकाश आनंद को हटाना एक रणनीतिक फैसला था, जिसमें आगे के हमले से पहले दो कदम पीछे हटने की योजना थी।

आकाश आनंद से बसपा पदाधिकारी भी प्रभावित

लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारकों में आकाश आनंद का भी नाम शामिल था, और उन्होंने कुछ रैलियां भी की थीं। हालांकि, सीतापुर की चुनावी सभा के दौरान उनके विवादित बयान के बाद मायावती ने उन्हें हटाने का फैसला किया। उनकी रैलियों और जनसभाओं का चुनावी नतीजों पर भले ही खास असर न दिखा हो, लेकिन उन्होंने बसपा पदाधिकारियों को काफी प्रभावित किया। चुनाव में हार की समीक्षा बैठकों के दौरान मायावती से मिलने वाले अधिकांश पदाधिकारियों ने आकाश की वापसी की इच्छा जताई थी।

बढ़ाई गई आकाश आनंद की ताकत

रविवार को पहली समीक्षा बैठक में आकाश को आशीर्वाद देते हुए मायावती ने कहा कि अब से हर मीटिंग और हर फैसले में आकाश सबसे अहम भूमिका निभाएंगे और पार्टी नेताओं को उन्हें सहयोग करना होगा। मायावती ने कहा कि बहुत लोगों ने चुनाव के दौरान आकाश आनंद की मीटिंग में अनुशासनहीनता दिखाई थी, लेकिन अब अनुशासन के साथ काम करना होगा। आने वाले उपचुनाव में भी पार्टी के अहम फैसलों में आकाश आनंद की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी भूमिका रहेगी।

आकाश से कैसे बसपा को होगा लाभ?

आकाश आनंद एक युवा चेहरा हैं और बसपा अब इस युवा चेहरे के माध्यम से राजनीति करेगी। वह मायावती के लिए तुरुप का इक्का हैं। साथ ही, दलित राजनीति में भी बसपा को मजबूती मिलेगी। मायावती उस पड़ाव पर हैं, जहां से वह दलित राजनीति को आगे की दिशा दिखा सकती हैं।

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