प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि चंद्रयान-3 अभियान के भू-लैंडिंग स्थल का नाम “शिवशक्ति” रखा जाएगा। इस विषय पर विवाद भी प्रकट हुआ है।
चंद्रयान-3 लैंडिंग स्थान शिव शक्ति: 23 अगस्त को हुआ एक महत्वपूर्ण घटना इतिहास में दर्ज हो चुकी है। चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी पोल पर लैंडिंग की और भारत ने विश्व में पहला देश बन गया जो चांद पर लैंडिंग करने में सफल हुआ है, और चांद पर पहुंचने वाले देशों में चौथे स्थान पर आया। इस महत्वपूर्ण मिलानक्षर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अगले दिन, यानी 26 अगस्त को, घोषणा की कि लैंडिंग स्थल का नाम अब “शिवशक्ति” होगा। हालांकि, इस मुद्दे पर विवाद उठा है।
मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने इस आचरण को नकारते हुए कहा है कि इस कामयाबी का श्रेय हमारे देश के वैज्ञानिकों और इंडियन रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को जाता है, और यह बिल्कुल सही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसे “हिंदुस्तान” का नाम देना चाहिए और वहां जहां लैंडिंग हुई है, उसे “भारत” रखना चाहिए। उनका मत है कि यह बिल्कुल मुनासिब होता।
पीएम मोदी ने क्या घोषणा की?
वास्तविकता में, चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के समय प्रधानमंत्री मोदी विदेश दौरे पर थे। अपने वापसी के बाद, वे दिल्ली के बजाय सीधे बेंगलुरू के इसरो केंद्र में पहुंचे, जहां उन्होंने वैज्ञानिकों को उनकी सफलता के लिए बधाई देते हुए घोषणा की कि अब 23 अगस्त को “नेशनल स्पेस डे” के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने यह भी घोषित किया कि जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने छाप छोड़ी है, उसे “तिरंगा पॉइंट” कहा जाएगा, और जिस जगह पर चंद्रयान-3 लैंड हुआ है, उसे “शिवशक्ति” के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा, “यह तिरंगा पॉइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, यह तिरंगा पॉइंट हमें सिखाएगा कि कोई भी असफलता आखिरी नहीं होती।”
प्रधानमंत्री मोदी ने और भी कहा, “हम उस जगह पर पहुंचे जहां कोई पहले कभी नहीं पहुंचा था। हमने वह किया जो पहले किसी ने नहीं किया था। मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन, वो हर एक सेकंड बार-बार घूम रहा है। जब टच डाउन कंफर्म हुआ, तब वो दृश्य, जो ISRO केंद्र में था, पूरे देश में लोगों की उछल पड़ी। कुछ स्मृतियां अमर हो जाती हैं। वह पल अमर हो गया।”