चीन में हाल ही में आयोजित गए एक सर्वे में लगभग 60 फीसदी चीनी लोगों ने भारत को अपना दोस्त मानने से इनकार किया था।
चीन-भारत संबंध: आज के समय में, चीन और भारत दो महत्वपूर्ण एशियाई देश हैं जो अपनी सामरिक और आर्थिक स्थिति में मजबूती दिखा रहे हैं। यह दोनों देश अपनी आजादी के बाद से अद्भुत विकास की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि इन दोनों देशों के बीच कई समस्याएँ और सीमा विवाद हैं, जैसे कि 1965 में हुई युद्ध, ये दोनों देश आपसी सहयोग और व्यापार में भी भाग ले रहे हैं।
चीन के प्रति भारतीय लोगों का विचार अमेरिका की प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक सर्वे से प्राप्त हुआ है, जिसमें लगभग 2,611 भारतीयों की भागीदारी थी। इस सर्वे के अनुसार, लगभग तीन-तिहाई भारतीय लोग (66%) चीन को भारत के प्रति असहमती और खिलाफी देते हैं, और उन्हें चीन को भारत के लिए सहायक नहीं मानते।
66 फीसदी भारतीयों का चीन के प्रति विपरीत विचार
“आज की दुनिया में, चीन और भारत एशिया के दो मजबूत राष्ट्र हैं जिन्होंने अपनी आजादी के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, उनके संबंध पड़ोसी देशों के लिए विशिष्ट नहीं हैं, जिसका मुख्य कारण सीमा विवाद है। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण एक हालिया घटना है जहां चीन ने अपने आधिकारिक मानचित्रों पर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को प्रदर्शित किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और आपसी गुस्सा पैदा हुआ। यह चल रहा सीमा मुद्दा कई वर्षों से दोनों देशों के लिए एक उच्च जोखिम वाला मामला रहा है।”
चीन में किया गया सर्वे
हाल ही में चीन में एक सर्वे की जानकारी के अनुसार, लगभग 60% चीनी लोगों ने भारत को अपने दोस्त के रूप में मानने से इंकार किया है, जबकि केवल 3% लोगों ने भारत को अपने दोस्त के रूप में माना है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के लोगों के बीच पसंद और नापसंद के विचारों का अंतर बड़ा है, और इस अंतर का आंकड़ा लगभग बराबर है।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के कारण बार-बार झड़पें हुई हैं। साल 1975 के बाद सबसे पहली झड़प साल 2020 में हुई थी, जिसमें कई भारतीय सैनिकों समेत चीनी सैनिकों की मौके पर जान चली गई थी। इसके बाद, 2022 दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में एक और झड़प हुई, जिसमें भारतीय सैनिकों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चीनी सैनिकों को प्रतिसाद दिया था।