चीन अमेरिका को अपना चिर-प्रतिद्वंदी मानता है। उसने कई बार अपने आंतरिक मामलों में अमेरिका की दखलअंदाजी करने से इनकार किया है, खासकर ताइवान के मामले में।
चीन-ताइवान संघर्ष: वर्तमान में दुनिया की दो सबसे महत्वपूर्ण शक्तियाँ, चीन और अमेरिका, ताइवान मुद्दे पर सामने आ रही हैं। हाल ही में, चीन ने फिर से ताइवान को लेकर अमेरिका की आलोचना की है। चीनी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अमेरिका को ताइवान के प्रति आग से खिलवाड़ की तुलना करते हुए उसे चेताया है।
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई अमेरिका में थे, जिस पर चीन ने सबसे पहले आलोचना की थी। कुछ दिनों बाद, चीन ने मंगलवार (15 अगस्त) को अमेरिका को चेताया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके अमेरिका को चेताया, कहते हुए कि वे ताइवान का उपयोग करके चीन को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ताइवान का पुनर्मिलन करना जरूरी
चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में बयान दिया कि चीन के लिए ताइवान को अपने मुख्य भूमि से जोड़ना आवश्यक है और उन्होंने ताइवान मुद्दे को अपने आंतरिक मामले के रूप में देखा। उन्होंने इस मामले में किसी भी देश के हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देने का आलंब दिया है और चीन ताइवान के साथ घुसपैठ करने के प्रयास को नहीं सहेंगे। चीनी रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि चीन का ताइवान के साथ पुनः संघटित होना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।
ली शांगफू ने स्पष्ट शब्दों में अमेरिका को ताइवान के मुद्दे पर आग से खिलवाड़ करने की बात की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ताइवान के साथ मिलकर चीन को रोकने की प्रयास को असफल साबित किया है। CNN के अनुसार, इस बयान से पता चलता है कि चीनी अधिकारी अपने पिछले बयानों की ओर से जो दिशा में जा रहे हैं।
हालांकि, इस बार चीन ने अपने रक्षा मंत्री के माध्यम से अमेरिका के खिलाफ बयान दिया, जब वह रूस में मौजूद थे। यह याद दिलाता है कि चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मानता है और आवश्यकता पड़ने पर उसका नियंत्रण करने का प्रयास कर सकता है।