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चीन में कीड़े खाने की तैयारी…

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चीन में लोग अपने प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मांस जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जैसे कि पोर्क और बीफ, हालांकि एक योजना बन रही है कि जल्द ही कीड़ों के माध्यम से प्रोटीन प्रदान किया जा सके।

कीट भोजन: प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए, आमतौर पर दूध, मांस आदि का सेवन किया जाता है, लेकिन चीन में यह विचार प्रस्तुत हो रहा है कि प्रोटीन की आवश्यकताएं कीटों के माध्यम से पूरी की जा सकती हैं। जब भी कीटों का सेवन करके प्रोटीन प्राप्त करने की चर्चा होती है, तो यह विचार घिनौना लगता है। हालांकि, इसके पीछे का पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। चीन में जानवरों और मछलियों को कीटों के माध्यम से प्रोटीन प्रदान करने का विचार बड़ी चर्चा में है। यह इसलिए है क्योंकि मत्स्यपालन और पशुपालन के कामों में सुधार की आवश्यकता है और इसके लिए कीटों के सेवन का प्रोत्साहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, आने वाले दिनों में लोगों की प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कीटों को शामिल किया जाएगा।

मीट-मछली से पूरी हो रही प्रोटीन की जरूरतें

चीनी वैज्ञानिकों और अंतरराष्ट्रीय उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, जीविका कीटों के सहायता से किचन में प्रोटीन की जरूरत को पूरा करना एक अधिक दीर्घकालिक और टिकाऊ तरीका हो सकता है। चीन में प्रोटीन की आवश्यकता को आमतौर पर मांस, मछली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सेवन से पूरा किया जाता है। इसलिए अब कीटों की खेती के माध्यम से प्रोटीन का पूर्ति करने का प्लान बन रहा है। यह कृषि प्रौद्योगिकी के माध्यम से संभव हो सकेगा, जिसे ‘कीड़ों की फार्मिंग तकनीक’ कहा जाता है।

क्या है ‘इंसेक्ट फार्मिंग’?

वास्तविकता में, चीन में घरों और रेस्तरां से अधिक मात्रा में सब्जियों के छिलकों और पौधों के गीले कचरे का निकलना होता है। इसका एक बड़ा हिस्सा रिसाइक्ल किया जाता है, लेकिन कुछ हिस्सा बच जाता है। ‘इंसेक्ट फार्मिंग टेक्नोलॉजी’ के जरिए, बचे हुए गीले कचरे में कीट पाले जाएंगे। यह कीट बचे कचरे को खाकर अपनी आबादी बढ़ाने में मदद करेंगे और बचे कचरे को साफ करने के लिए उर्वरक तैयार करेंगे।

‘शंघाई अर्बन कंस्ट्रक्शन इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन’ में कीटों की खेती, जिसे ‘इंसेक्ट फार्मिंग’ कहा जाता है, की जा रही है। इसके तहत हर रोज़ 50 टन गीले कचरे को 11 टन प्रोटीन संयुक्त लार्वा और 12.8 टन जैविक उर्वरक में परिवर्तित किया जा रहा है। हालांकि, चीन में ‘इंसेक्ट फार्मिंग’ अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, वहीं नीदरलैंड में ‘प्रोटीक्स’ नामक एक कंपनी 65,000 टन कचरे को 14,000 टन लार्वा में बदलने का काम कर रही है।

किस कीड़े को खाने की तैयारी? 

‘शंघाई अर्बन कंस्ट्रक्शन इंवेस्टमेंट कोर्पोरेशन’ दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले ब्लैक सोल्जर फ्लाई (बीएसएफ) का उपयोग कीड़ों की खेती के लिए किया जा रहा है। इस कीड़े की उम्र मात्र 35 दिन होती है। बीएसएफ के लार्वा के लिए गीले कचरे की प्रबंधना की जाती है। यह कीड़ा अपने जीवन के तीसरे स्टेज में पहुंचते ही प्रोटीन से भरा हो जाता है।

बीएसएफ से उत्पन्न होने वाली गंदगी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की अत्यधिक मात्रा होती है। इसके साथ ही, इसमें उपयोगी बैक्टीरिया भी होते हैं, जो एक नए प्रकार के जैविक उर्वरक को तैयार करते हैं। इस उर्वरक का कृषि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, प्रोटीन संयुक्त कीड़ों को जानवरों को खिलाकर उनकी प्रोटीन आवश्यकता पूरी की जा सकती है।

चीन में लोग भी खाएंगे कीड़े!

‘प्रोटीक्स’ के CEO कीस आर्ट्स का कहना है कि कीड़ों से प्राप्त होने वाला प्रोटीन भविष्य के लिए आवश्यक है। इसके माध्यम से पोषण भी मिलता है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। वर्तमान में यह प्रयोग पशु आहार के रूप में हो रहा है। उन्होंने बताया कि मछलियों और जानवरों को कीड़े युक्त आहार देने के लाभ दिखाई दे रहे हैं, जिससे उनकी सेहत में सुधार हो रहा है।

आर्ट्स के अनुसार, कीट-आधारित प्रोटीन का भविष्य उम्मीदवार है। उनकी बातें हैं कि प्रोटीन स्रोत समाप्त हो रहे हैं और जानवरों की पालने से पर्यावरण पर भारी पड़ता है। इसलिए आगामी के लिए कीटों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन का महत्व होगा। इसके अलावा, चीन में लोग विभिन्न प्रकार के जानवरों को खाते हैं। इस प्रकार, उन्हें अपनी प्रोटीन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आने वाले दिनों में कीटों को खाने की संभावना है।

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