चीन में खाद्य संकट मंडरा रहा है क्योंकि बाढ़ के कारण प्रमुख कृषि क्षेत्र पानी में डूब गए हैं, जिससे खाद्य कीमतों में अनुमानित वृद्धि हुई है।
चीन बाढ़: चीन को पिछले कुछ महीनों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे पहले, बढ़ती आयु के जनसंख्या ने चीन को परेशान किया है। इसके चलते चीन में खाने की मांग बढ़ी है। तूफान डोकसूरी ने भी ऐसी तबाही मचाई है कि कई शहर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, और इसके कारण चीन के सबसे उत्तरोत्तर भागों के खेती के प्रमुख क्षेत्र तबाह हो गए हैं। इससे खाने के लाले पड़ रहे हैं।
पूर्वोत्तर में चीन का प्रमुख अनाज उत्पादक क्षेत्र बाढ़ की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो गया है। बाढ़ का पानी खेतों में घुस चुका है और तूफान के चलते 10 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं, जिससे कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। ये मौतें राजधानी बीजिंग और उससे सटे हेबई प्रांत में हुई हैं। इस विपदा के चलते चीन में खाने का संकट उत्पन्न हो गया है।
क्यों चीन में पैदा हो सकता है खाद्यान संकट?
चीन के पूर्वोत्तर में हेइलोंगजियांग, जिलिन और लियाओनिंग तीन प्रांत हैं, जिन्हें देश के अन्न भंडार के तौर पर जाना जाता है। इन तीनों प्रांतों में खेती की जमीन काफी उपजाऊ है और यहां देश के अनाज का एक बड़ा हिस्सा उत्पादित होता है। सोयाबीन, मक्का और चावल इन फसलों में शामिल हैं, और इन्हें तीनों प्रांतों में अधिकतम खेती की जाती है। लेकिन बाढ़ और बारिश के कारण तीनों ही प्रांत भारी प्रभावित हुए हैं।
जिलिन प्रांत के शुलान में 14 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें शहर के डिप्टी मेयर भी शामिल हैं। शुलान से 18 हजार लोगों को बाहर निकाला गया है। पड़ोसी राज्य हेइलोंगजियांग में बाढ़ का कहर ऐसा रहा है कि जिन नदियों के जरिए कभी खेती होती थी, अब उन्हें खेतों को पानी में डुबा दिया गया है। चावल के खेत पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं और सब्जियों की पैदावार भी पूरी तरह से खत्म हो गई है।
हेइलोंगजियांग की राजधानी हारबिन में 90,000 हेक्टेयर फसल भारी बारिश के चलते बर्बाद हो गई हैं। हारबिन से ही सटे हुए शांगजी शहर में भी ऐसा ही मंजर देखने को मिला हैं, जहां 42,575 हेक्टेयर फसल पानी में डूब चुकी है। और हेइलोंगजियांग के वुचांग शहर में भी अभी तबाही का आकलन किया जा रहा है, जो अपनी चावल की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
खाने की चीजों की कीमत बढ़ेगी
चीन में बिगड़े हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद चीन के कृषि मंत्रालय ने बताया है कि देश की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। गेहूं की पैदावार भी कम हो गई है और ऊपर से चावल के खेत बर्बाद हो चुके हैं। पिछले साल भीषण गर्मी ने फसलों को बर्बाद किया और इस साल बाढ़ की वजह से खाने की कीमतों में इजाफा होने की संभावना है।