संसद से एक दिन में 78 सांसदों के निलंबन को लेकर राजनीति में उत्साह फैला हुआ है। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने इस मुद्दे पर सरकार पर कटाक्ष किया है।
संसद शीतकालीन सत्र 2023: संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले के संबंध में, विपक्ष ने लगातार सरकार पर हमला किया है, जिससे संसद के दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिल रहा है। इस दौरान, सोमवार को संसद ने 78 सांसदों को सदन से पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया, जिनमें से 45 राज्यसभा के सदस्य और 33 लोकसभा के सदस्य शामिल हैं। इस घटना ने सियासत को और भी उत्साहित कर दिया है, और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सरकार के इस कदम पर तीखा तंज कसा है।
चूंकि मेरी जानकारी 2022 तक है, इसलिए मैं नवीनतम घटनाओं के बारे में जानकारी नहीं प्रदान कर सकता हूं, और आपको स्थानीय स्रोतों या खबर चैनलों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
जयंत चौधरी ने कसा तंज
जयंत चौधरी ने इशारों-इशारों में सांसदों को निलंबित किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘मैं उन सभी को निलंबित करता हूं जो मेरे ट्वीट का विरोध करते हैं!’ इसके बाद उन्होंने आगे डॉट..डॉट करते हुए नीचे मजाकिया अंदाज में कहा, ‘असल में नहीं… वापस आ जाओ..’
कांग्रेस अध्यक्ष ने भी किया विरोध
जयंत चौधरी के अलावा सभी विरोधी दलों ने सांसदों के निलंबन का विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि जिस तरह से पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया, अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। उनकी मांग है कि गृहमंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में जवाब दें और इस पर चर्चा हो।
दूसरी ओर, स्पीकर ओम बिरला ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है और सदन में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही चर्चा होनी चाहिए।