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जर्मनी में फंसी भारतीय बच्ची…

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जर्मनी में फॉस्टर होम में आवास कर रही भारतीय बच्ची अरिहा मां ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जर्मन अधिकारियों से अरिहा को भारतीय समुदाय के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने की मांग की।

जर्मनी में भारतीय लड़की पालन गृह: जर्मनी में फॉस्टर होम में आवास करने वाली भारतीय बच्ची अरिहा शाह की मां धारा शाह ने शुक्रवार (11 अगस्त) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। धारा शाह की मांग है कि जर्मन अधिकारियों से अरिहा को भारतीय समुदाय के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने की इजाजत दी जाए।

अरिहा के परिवार का कहना है कि वे जर्मन दूतावास जाएंगे और जर्मन राजदूत से अनुरोध करेंगे कि भारत के स्वतंत्रता दिवस के आसपास है और इसलिए अरिहा को अपने देश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने की इजाजत दी जाए। उन्होंने इसे अपने सांस्कृतिक अधिकार के रूप में देखा और इसकी संरक्षण की मांग की।

बच्ची से नहीं मिल पा रहे माता-पिता

धारा शाह ने बताया कि इसी साल जून में कोर्ट ने अरिहा को जर्मन चाइल्ड सर्विस की जरूरत दर्ज की थी। इसके परिणामस्वरूप, सभी बच्चियों की साथ साथ सभी मुलाकातें बंद कर दी गई हैं क्योंकि उनके पास अरिहा को लेने और छोड़ने के लिए कोई नहीं है।

धारा शाह ने विवरण दिया कि पिछली मुलाकात के दौरान हमने उन्हें जिन उपहारों को दिए थे, उन्हें लौटा दिया है। वे नहीं जानते कि अरिहा कहां है और उसकी कैसी हालत है, और इसके कारण हम उसकी सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं।

7 महीने की उम्र से फॉस्टर होम में है अरिहा 

अरिहा शाह का जन्म 2021 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। अरिहा के पिता भावेश शाह गुजरात के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और वे 2018 में धारा के साथ बर्लिन चले गए थे। अरिहा की उम्र सिर्फ सात महीने थी जब उसे 23 सितंबर 2021 को जर्मन अधिकारियों द्वारा फॉस्टर होम ले जाया गया था। उस समय जर्मन अधिकारियों ने उसके माता-पिता धारा और भावेश के खिलाफ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था।

माता-पिता पर लगाया गया था बाल यौन शोषण का आरोप

सितंबर 2021 में बच्ची अरिहा शाह के साथ हुए घातक घटनाक्रम के बारे में आपने सही जानकारी दी है। अरिहा को उसकी दादी द्वारा गलती से चोट पहुंचाई गई थी, जिससे जर्मन अधिकारियों ने उसे अस्पताल में ले जाने के प्रकरण में सतर्कता दिखाई थी। इसके बाद, जर्मन अधिकारियों द्वारा बाल यौन शोषण के आरोप का भी दर्ज किया गया था।

हालांकि जर्मन अधिकारियों ने आरोपों को हटा दिया है, लेकिन वे फिर भी उस घटनाक्रम में हुई लापरवाही के लिए अरिहा के माता-पिता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ऐसी घटनाक्रम फिर से नहीं होती और बच्ची की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।

भारत कर रहा बच्ची की वापसी की मांग

भारत ने बच्ची अरिशा शाह की शीघ्र वापसी के लिए जर्मनी पर दबाव डाला है और उसे अपने भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में रहने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके विपरीत, जर्मन अधिकारियों ने दावा किया है कि बच्ची को उसके भारतीय माता-पिता द्वारा परेशान किए जाने के बाद ही पालन-पोषण देखभाल में रखा गया था। यह स्थिति मामले में जिम्मेदारियों और आरोपों को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद को उजागर करती है।

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