जवाहर सिंह बेदाम ने कहा है कि जिले के शहरी विधानसभा क्षेत्र में पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं है. सिंचाई के लिए भी पानी की कमी है। इसके अतिरिक्त, बिजली की आपूर्ति भी नहीं है, फिर भी लोगों को इसके लिए बिल मिलते हैं। इसके अलावा, गांव में उचित सड़कें भी नहीं हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बजट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान में 41 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशीओं की पहली सूची जारी की है। इस सूची में डीग (Deeg) जिले की नगर विधानसभा सीट पर जवाहर सिंह बेदम को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया है। उनके टिकट प्राप्त करने के बाद, जवाहर सिंह बेदम ने एबीपी न्यूज़ से बात की, जिनमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने जनता के साथ जो धोखा किया है, वो पूरी जनता जानती है।
जवाहर सिंह बेदम ने यह भी बताया कि नगर विधानसभा सीट पर पीने के लिए पानी नहीं है और सिंचाई के लिए भी पानी की कमी है। उन्होंने इसके साथ ही विद्युत आपूर्ति की भी कमी की बात की, फिर भी लोगों को बिल भेजे जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गांव में सड़कों की भी अभाव है। कांग्रेस के शासन के दौरान, हर विभाग में लूट हो रही है और जनता त्राहिमाम कर रही है। वह डीग जिले की नगर विधानसभा सीट पर कमल का खिलने की आशा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नगर विधानसभा सीट पर वे नहीं, बल्कि आम जनता के लिए चुनाव लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। उनका दावा है कि कमल नगर में और भरतपुर में भी खिलेगा और राजस्थान में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।
जवाहर सिंह बेदम ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनेगी, तो वे सनातन संस्कृति की रक्षा करेंगे, सर्वागिक विकास को प्राथमिकता देंगे, और भाईचारा को मजबूती से बढ़ावा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार कठोर कदम उठाएगी ताकि गौवंश तस्करों और अपराधियों को नियंत्रित किया जा सके।
वे बताते हैं कि उन्होंने 2018 में कामां विधानसभा से चुनाव लड़े थे और हार गए थे, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं हारी है। उन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ा है और दीन-दुखी को न्याय दिलाने का काम किया है। वे भारतीय जनता पार्टी की विकास की सोच को धरातल तक ले जाने का काम किया है।
नगर विधानसभा में विकास की गुंजाइश है, क्योंकि यहां स्कूलों में अध्यापक और अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है।