0 0
0 0
Breaking News

जानें कैसे IC814 हाइजैकिंग केस का खुला राज…

0 0
Read Time:6 Minute, 7 Second

क्राइम ब्रांच ने रफीक, अब्दुल लतीफ अडानी पटेल, मुश्ताक अहमद आजमी, मो आसिफ उर्फ बबलू, और गोपाल सिंह बहादुर मान को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों के बाद, हाईजैकर्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई।

IC814 अपहरण मामला: साल 1999 में भारतीय एयरलाइंस के विमान के अपहरण पर आधारित वेब सीरीज “आईसी 814” के किरदारों के नाम और चित्रण को लेकर विवाद उठ गया है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कई वरिष्ठ अधिकारियों को समन भेजा है।

यह सीरीज वास्तविक घटना पर आधारित है। इस लेख में हम बताएंगे कि कैसे इस अपहरण की घटना मुंबई से जुड़ी थी और मुंबई पुलिस ने आतंकवादियों के बारे में पहली बार जानकारी कैसे प्रदान की।

क्राइम ब्रांच के हाथ लगा आतंकियो का फोन नंबर

24 दिसंबर 1999 को, इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 काठमांडू से नई दिल्ली जा रहा था, जब इसे हाईजैक कर लिया गया। इस घटना के बाद, पूरे देश को हाई अलर्ट पर रखा गया। महाराष्ट्र के पूर्व महानिदेशक डी सिवानंधन ने इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख में बताया कि मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस हाईजैक की पूरी कहानी और आतंकवादियों के असली नामों का पता कैसे लगाया।

डी सिवानंधन ने कहा, “उस समय, मैं मुंबई पुलिस में संयुक्त पुलिस आयुक्त और क्राइम ब्रांच का प्रमुख था। मेरे बॉस, मुंबई पुलिस आयुक्त आरएच मेंडोंका ने मुझे इस घटना की जानकारी दी और पूरी अपराध शाखा को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए।”

उन्होंने आगे बताया कि हाईजैक के अगले दिन, क्रिसमस के दिन, वह क्रॉफर्ड मार्केट में अपने कार्यालय में थे जब बिना पूर्व निर्धारित समय के एक व्यक्ति ने उनसे मिलने की कोशिश की। यह व्यक्ति महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे थे, जो उस समय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के मुंबई कार्यालय में तैनात थे।

हेमंत करकरे ने डी सिवानंधन को सूचित किया कि रॉ के पास एक फोन नंबर है जो मुंबई से पाकिस्तान के साथ लगातार संपर्क में था और इसका संबंध आईसी 814 हाईजैक से था।

‘आतंकियों ने पाकिस्तानी हैंडलर से मांगे पैसे’

डी सिवानंधन की टीम ने कई दिनों तक उस फोन नंबर की निगरानी की। तीन दिन बाद, निगरानी टीम ने सिस्टम पर एक अलर्ट देखा कि फोन सक्रिय हो गया था। मुंबई के एक व्यक्ति ने पाकिस्तान में अपने संपर्क को फोन किया और बताया कि उसके पास नकदी की कमी है और उसे पैसे की तुरंत जरूरत है। पाकिस्तान से जवाब आया कि वह 30 मिनट तक इंतजार करे और फिर कॉल करेगा।

इसके बाद, क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई शुरू की। फोन कॉल के डेटा से पता चला कि मुंबई में रहने वाला आतंकवादी हवाला के पैसे लेने के लिए मोहम्मद अली रोड पर स्थित शालीमार होटल पहुंच रहा है।

पुलिस रेड और आतंकियों की गिरफ्तारी

होटल से लौटते समय पुलिस ने उस पर निगरानी रखी और उसका पीछा किया। मुंबई के बशीरबाग में उसके ठिकाने की जानकारी मिलने पर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा। इस रेड में कुल पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान रफीक मोहम्मद (34 वर्ष), अब्दुल लतीफ अडानी पटेल (34 वर्ष), मुश्ताक अहमद आजमी (45 वर्ष), मोहम्मद आसिफ उर्फ बबलू (25 वर्ष), और गोपाल सिंह बहादुर मान (38 वर्ष) के रूप में की गई।

रफीक मोहम्मद और मोहम्मद आसिफ उर्फ बबलू पाकिस्तान के नागरिक थे। रेड के दौरान, पुलिस को वहां काफी मात्रा में असलहा और बालासाहब ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ का एक मैप मिला। पूछताछ के बाद यह सामने आया कि कंधार हाईजैक के आतंकियों का संपर्क मुंबई में रह रहे आतंकवादियों से था।

अब्दुल लतीफ पटेल की पूछताछ में यह पता चला कि हाईजैक की योजना बनाने वाली पूरी टीम जुलाई 1999 से मुंबई में छिपी हुई थी और अपहरण की तैयारी कर रही थी। अपहर्ताओं की पहचान पाकिस्तान के बहावलपुर निवासी इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर कराची, सनी अहमद काजी कराची, मिस्त्री जहूर इब्राहिम, और शाकिर सिंध के रूप में हुई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने सबसे पहले इस जानकारी को उजागर किया, जिससे आतंकवादियों की पहचान सामने आई।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *