जापान में जनसंख्या में गिरावट की समस्या प्रभावशील है, जिससे सरकार को चिंता हो रही है। जनसंख्या के गिरावट और बुजुर्गों की बढ़ती हुई आबादी का अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है।
जापान: जापान में जन्म दर में लगातार सातवें साल रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है, जिसके कारण सरकार को जनसंख्या की दर में चिंता हो रही है। जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि जन्म दर में गिरावट हुई है।
जापान में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और जन्म दर में गिरावट जापान के लिए चिंता का कारण बन रही है। वार्षिक जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार, 2022 में महिलाओं के जीवनकाल में जन्म देने की औसत संख्या 1.26 रह गई है, जो 2005 से सबसे निचले स्तर की गिरावट है। प्रजनन दर 2.06-2.07 के बीच है, जो जनसंख्या के तालमेल को बनाए रखने के लिए आवश्यक मानी जाती है।
’16 सालों से घट रही जापान की आबादी’
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 2022 के आंकड़ों के अनुसार, जापान में कुल 7,99,728 शिशुओं का जन्म हुआ है। इसके विपरीत, मृत्यु दर 15 लाख 80 हजार से अधिक रही है, जो चिंताजनक आंकड़ा है। जापान की आबादी, जो 12.5 करोड़ से अधिक है, पिछले 16 वर्षों से घट रही है, और इसके परिणामस्वरूप अनुमानित है कि साल 2070 तक देश की जनसंख्या 8.7 करोड़ तक घट जाएगी।
अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा असर
जन्म दर में गिरावट और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी का प्रभाव वास्तविक रूप से जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी पड़ता है, क्योंकि जापान चीन के तेजी से बढ़ते क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के साथ सामरिक प्रतिस्पर्धा करने की इच्छा रखता है। अगर आने वाली पीढ़ियाँ इस प्रकार प्रभावित होती हैं, तो जापान के लिए प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं होगा।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इस गिरते जनसंख्या को गंभीरता से लिया है और गुरुवार को एक विशेष बैठक आयोजित की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 2030 तक युवा आबादी में महत्वपूर्ण गिरावट के संभावना से पहले जन्म दर में सुधार का एक अंतिम अवसर है।