जगदंबिका पाल वर्तमान में हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा कर रहे हैं, जहां वे उन किसानों और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मुलाकात करेंगे जिनकी जमीनों पर राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा दावा किया जा रहा है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के दौरे को “ड्रामा कंपनी का दौरा” कहते हुए इसकी आलोचना की और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। शिवकुमार का कहना है कि यह दौरा कर्नाटक में उपचुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिवकुमार ने कहा कि यह दौरा किसी संयुक्त संसदीय समिति का वास्तविक दौरा नहीं है, क्योंकि केवल भाजपा के सदस्य ही इसमें शामिल हैं और राजनीति कर रहे हैं। शिवकुमार, जो कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं, ने आरोप लगाया कि इस दौरे का उद्देश्य राजनीतिक दुष्प्रचार करना है, न कि समिति का वास्तविक कार्य करना।
जगदंबिका पाल ने हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा किया, जहां उन्होंने उन किसानों और संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की जिनकी जमीन पर राज्य वक्फ बोर्ड ने दावा किया है। उनके साथ बेंगलुरु दक्षिण के सांसद और जेपीसी सदस्य तेजस्वी सूर्या भी शामिल थे।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के दौरे पर कटाक्ष करते हुए इसे “ड्रामा कंपनी” का दौरा करार दिया और इसे पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया। शिवकुमार ने कहा कि अगर यह जेपीसी का दौरा होता, तो सभी सदस्यों को आना चाहिए था, और राज्य सरकार और अधिकारियों को भी इसके बारे में सूचित किया जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि पाल केवल एक अन्य सांसद के साथ पार्टी के प्रचार के लिए आए हैं।
शिवकुमार ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या बोम्मई या केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना जेपीसी के सदस्य हैं? सोमन्ना तो केंद्रीय मंत्री हैं और समिति का हिस्सा नहीं हो सकते। यह दौरा अर्जी लेने और राजनीतिक प्रचार के लिए किया गया है।” पाल से पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और वी सोमन्ना ने मुलाकात की थी, जिससे दौरे की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
विजयपुरा के किसानों ने शिकायत की थी कि उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को जारी सभी नोटिस रद्द किए जाएं और भूमि अभिलेखों में किसी भी अनधिकृत संशोधन को भी निरस्त कर दिया जाए। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी पाल के दौरे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि ऐसा लगता नहीं कि यह वास्तव में जेपीसी का दौरा है, क्योंकि अध्यक्ष अकेले ही नियमों को दरकिनार करते हुए दौरा कर रहे हैं।