तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार पर अडानी ग्रुप से बिजली खरीदने के लिए गुप्त समझौता करने और 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। TDP ने इस मामले में केंद्र सरकार से जांच की मांग की है.
आंध्र प्रदेश की राजनीति: तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने आरोप लगाया है कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के माध्यम से अडानी ग्रुप से बिजली खरीदने के लिए गुप्त समझौते किए थे। टीडीपी नेताओं का कहना है कि इन समझौतों का विरोध कई विभागों ने किया था, फिर भी उन्हें लागू कर दिया गया। इसके अलावा, टीडीपी ने अमेरिकी अदालत में अडानी ग्रुप पर लगे 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के आरोपों के संदर्भ में वाईएसआरसीपी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
अमेरिकी अदालत में दाखिल दस्तावेजों में अडानी ग्रुप पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद टीडीपी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार से जांच की मांग की है। टीडीपी का कहना है कि पावर खरीद समझौतों की समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि वाईएसआरसीपी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने वाले मुद्दों को स्पष्ट किया जा सके। इस मामले ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
चंद्रबाबू नायडू ने किया बड़ा खुलासा
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा कि उनके पास अमेरिकी अदालत में दाखिल आरोपों की पूरी रिपोर्ट मौजूद है, और वे इस रिपोर्ट का गहराई से अध्ययन करेंगे। नायडू ने कहा कि वे उचित कार्रवाई करेंगे, क्योंकि वाईएसआरसीपी सरकार के तहत हुए इन आरोपों से आंध्र प्रदेश की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंच सकता है।
अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, अडानी ने “फॉरेन ऑफिशियल 1” नामक एक उच्च सरकारी अधिकारी से अगस्त, 2021, सितंबर, 2021 और नवंबर, 2021 में मुलाकात की थी, जब वाईएस जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। हालांकि “फॉरेन ऑफिशियल 1” का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, यह स्पष्ट है कि अगस्त 2021 में अडानी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात की थी।
टीडीपी ने इस मामले में वाईएसआरसीपी सरकार से जवाबदेही की मांग की है, लेकिन अब तक वाईएस जगन मोहन रेड्डी या उनकी पार्टी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में सस्पेंस बना हुआ है, और आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।