जयराम रमेश ने देवेंद्र फडणवीस के “शहरी नक्सली” वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फडणवीस अब हताश हो चुके हैं। रमेश ने इस बयान की आलोचना करते हुए इसे फडणवीस की निराशा का प्रतीक बताया।
देवेन्द्र फड़नवीस पर जयराम रमेश: महाराष्ट्र चुनाव के दौरान कांग्रेस महायुति पर तीखे हमले करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि फडणवीस अब हताश हो रहे हैं। फडणवीस ने राहुल गांधी पर तथाकथित शहरी नक्सलियों से समर्थन पाने के लिए संविधान की किताब दिखाने का आरोप लगाया था।
जयराम रमेश ने फडणवीस के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा, “फडणवीस जिस किताब पर आपत्ति उठा रहे हैं, वह भारत का संविधान है, जिसके निर्माता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर हैं। यही वही संविधान है, जिसे RSS ने नवंबर 1949 में मनुस्मृति के आदर्शों से अलग बताते हुए विरोध किया था। और यही संविधान है, जिसे नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं।”
संविधान में है के के वेणुगोपाल की प्रस्तावना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने देवेंद्र फडणवीस के “लाल किताब” पर दिए बयान का करारा जवाब देते हुए कहा कि फडणवीस को यह जानकारी होनी चाहिए कि इस पुस्तक में प्रस्तावना भारत के सबसे सम्मानित कानूनविदों में से एक के.के. वेणुगोपाल द्वारा लिखी गई है, जो 2017 से 2022 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले “नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री” और “स्वयंभू चाणक्य” को भी यह किताब दी जा चुकी है।
उन्होंने “शहरी नक्सली” शब्द के संदर्भ में बताया कि भारत सरकार खुद इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी 2022 और 11 मार्च 2020 को संसद में स्पष्ट किया था कि यह शब्द सरकारी भाषा का हिस्सा नहीं है। रमेश ने कहा कि फडणवीस को ऐसे शब्दों के उपयोग से पहले सोच-समझकर बोलना चाहिए।
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी फडणवीस पर तंज कसा और पूछा कि क्या फडणवीस ने 22 नवंबर 2019 को सुबह 7 बजे राजभवन में गुप्त रूप से शपथ लेते समय संविधान का रंग देखा था?