अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आ गए हैं, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने विजय प्राप्त की है। चुनाव में उनकी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
भारत-अमेरिका संबंध: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं, जिनमें डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की है और अब वे अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं। अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इस पर दुनिया के साथ-साथ भारत की भी नजर थी। अब देखना यह है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत को किन-किन क्षेत्रों में लाभ या नुकसान हो सकता है।
चीन के मामले में भारत की स्थिति क्या होगी?
द प्रिंट की रिपोर्ट में पाँच प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है, जिनमें अमेरिकी नीति भारत के लिए महत्वपूर्ण है। चीन के संदर्भ में बात करें तो अमेरिका के पिछले तीन राष्ट्रपति ओबामा, ट्रंप, और बाइडन ने चीन के मुद्दे पर भारत के साथ सहयोग बनाए रखा है। ऐसे में, ट्रंप के पुनः राष्ट्रपति बनने पर संभावना है कि चीन के मामले में अमेरिका का समर्थन भारत के साथ बना रहेगा।
बांग्लादेश-पाकिस्तान के साथ डोनाल्ड ट्रंप के संबंध
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत के दोनों पड़ोसी देशों, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रति अमेरिका का रवैया बदल सकता है। ट्रंप की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से नजदीकी पहले ही देखी जा चुकी है, जबकि वे बांग्लादेश की यूनुस सरकार को डेमोक्रेटिक समर्थक मानते हैं। इस स्थिति का भारत पर असर पड़ सकता है।
इजरायल-ईरान युद्ध के संदर्भ में, ट्रंप पहले से ही ईरान को प्रतिद्वंद्वी मानते हैं, जिससे ईरान के साथ तनाव बढ़ने की संभावना है।
आर्थिक दृष्टिकोण से भारत को चिंता हो सकती है
आर्थिक मामलों में ट्रंप का दृष्टिकोण अलगाववादी और संरक्षणवादी है, जो भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। हालांकि, रक्षा, खुफिया सहयोग, तकनीक और रक्षा हार्डवेयर के मामले में अमेरिका का सहयोग यथावत रहने की संभावना है।
वहीं, व्यापार के क्षेत्र में भी असर पड़ सकता है। ट्रंप ने विदेशी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाने की बात कही थी, जिससे भारत पर इसका असर हो सकता है।