सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि यह आस्था का मुद्दा है, और यदि लड्डू बनाने में दूषित घी का उपयोग किया गया है, तो यह अस्वीकार्य है।
तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस भूषण रामाकृष्णन गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन शामिल थे, ने मुख्यमंत्री के उस दावे पर सवाल उठाया कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए या फिर विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जाए।
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि उपलब्ध रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि किस घी का परीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जिस घी को रिजेक्ट कर दिया गया था, यह उसका परीक्षण है।
कोर्ट ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने 18 सितंबर को लड्डू प्रसाद में मिलावट का दावा किया था, जबकि मामले में प्राथमिकी 25 सितंबर को दर्ज की गई और SIT का गठन 26 सितंबर को किया गया। बेंच ने कहा, “एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी के लिए सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं है, जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है।”
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच जारी रखी जानी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। बेंच इस मामले में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने साक्ष्य मांगा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। कोर्ट ने कहा, “कम से कम, हम उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा।” सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले को आस्था से जुड़ा बताया और कहा कि यदि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया है, तो यह अस्वीकार्य है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया। इस दावे ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया, और वाईएसआर कांग्रेस ने नायडू के आरोप को राजनीतिक लाभ के लिए घृणित बताया।