तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई है कि प्रसाद में उपयोग किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी मिलाई गई है।
तिरूपति प्रसादम विवाद: आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासी विवाद छिड़ गया है। जांच रिपोर्ट में प्रसाद में उपयोग होने वाले घी में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद देशभर में हंगामा मच गया है। इस संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बयान दिया है कि उन्होंने चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की है और रिपोर्ट की मांग की है।
उन्होंने कहा, “मैंने नायडू से कहा है कि जो रिपोर्ट आपके पास है, उसे भेजें। हम इसकी जांच करेंगे, जो FSSAI द्वारा की जाएगी। हम राज्य सरकार से रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं।” यह बयान उन्होंने मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर अपने मंत्रालय के कामकाज पर जानकारी देते हुए दिया।
टीकाकरण सेवाओं का किया गया डिजिटलीकरण
अपने मंत्रालय के कामकाज की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “हमारे देश में टीकाकरण सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है। मां के गर्भधारण से लेकर प्रसव और फिर बच्चे के 17 साल तक के टीकाकरण का पूरा ट्रैक रखा जाएगा। यह केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। सभी डेटा को ट्रैक करने के लिए U-WIN पोर्टल विकसित किया गया है, जो 11 क्षेत्रीय भाषाओं में कार्य करेगा और इसमें एक स्वचालित अलर्ट सिस्टम भी होगा।”
उन्होंने आगे बताया, “हमने ड्रोन सेवा भी शुरू की है, जो नमूनों, चिकित्सा आपूर्ति और रिपोर्ट को तेजी से लाने में मदद करेगी। इसका उद्देश्य इसे कठिन क्षेत्रों में लागू करना है, और इसकी रेंज 25 किलोमीटर होगी। यह AIIMS बीवीनगर, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, भोपाल, जोधपुर, पटना, बिलासपुर, रायबरेली, रायपुर, गोरखपुर, पुडुचेरी और इंफाल में संचालित होगा। इसी तरह, भीष्म क्यूब को आपदा प्रबंधन में आपातकालीन जीवन रक्षक चिकित्सा देखभाल के लिए लाया गया है, जो प्रतिदिन 10-15 सर्जरी कर सकता है। जब प्रधानमंत्री यूक्रेन गए थे, तब उन्होंने उन्हें 4 भीष्म क्यूब दिए थे, और अब इसे हमारी 50 स्वास्थ्य इकाइयों में तैनात किया गया है। यह आपदा प्रबंधन के लिए है।”