तेजस्वी यादव ने साझा किया कि यदि प्रधानमंत्री किसी जगह पहुंच रहे हैं तो यह एक प्रशंसनीय बात है। किसी भी व्यक्ति को कहीं भी जाने का अधिकार होता है, और प्रधानमंत्री के तौर पर यह महत्वपूर्ण माना जाता है।
पटना: बीजेपी ने 30 मई से 30 जून तक एक जनसंपर्क अभियान चलाया है जो बिहार में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों को समेटता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जून में बिहार का दौरा कर सकते हैं, जिसकी सूचना पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने दी है। हालांकि, अभी तक उनके आगमन की तिथि की घोषणा नहीं हुई है। इसके संबंध में, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एक बड़ी मांग की है।
तेजस्वी ने मीडिया से कहा है कि उन्हें इन सभी बातों को छोड़ना चाहिए। प्रधानमंत्री का आगमन एक अच्छी बात है और किसी भी व्यक्ति को कहीं भी आने का अधिकार होता है, क्योंकि वे प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं, तो इसे ध्यान में रखने चाहिए। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और एक विशेष पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए। वास्तविक बात यह है कि लोग डरे हुए हैं, क्योंकि अमित शाह ने कई बार बिहार में दौरे किए हैं।
सभी पार्टी के लीडर रहेंगे मौजूद: डिप्टी सीएम
पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक के संबंध में तेजस्वी यादव ने बताया कि देश की सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं। इस बैठक की पहली सुझाव देने वाली ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री रही हैं, और सभी की सहमति पटना में हुई। तेजस्वी ने बताया कि जनता प्रतिरोधी आंदोलन (जेपी आंदोलन) की शुरुआत बिहार से हुई थी और जब भी कोई आंदोलन, महत्वपूर्ण परिवर्तन या बदलाव की बात उठती है, तो उसकी शुरुआत बिहार से ही होती है। यह पहले से इतिहासिक रूप धारण कर रखा है। इस बार भी विपक्षी एकता की शुरुआत बिहार से हो रही है, जहां सभी पार्टियों के नेता मौजूद होंगे, न कि प्रतिनिधि। तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस से बात नहीं हो रही है, बल्कि 15 अन्य पार्टियों के मुख्य नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे। राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी उपस्थित रहेंगे।
‘रिपोर्ट के आधार पर हो रहा है काम’
वहीं भागलपुर में पुल गिरने के मामले पर बीजेपी द्वारा सीबीआई से जांच कराने की मांग पर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पुल पहले भी गिरा था. उस समय बीजेपी की सरकार थी. बीजेपी के ही पथ निर्माण मंत्री थे तो फिर सीबीआई से जांच क्यों नहीं करवाई गई थी? हम इसे पॉलिटिकल नहीं होने दे रहे हैं. सारी चीजें हैं, रिपोर्ट है उसी आधार पर काम हो रहा है.