शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई 25 नवंबर को निर्धारित की गई थी।
दिल्ली दंगे 2020 मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को जमानत देने से इनकार कर दिया, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट से निर्देश दिया कि वह शरजील की याचिका पर जल्द सुनवाई करे। जस्टिस बेला त्रिवेदी और एस सी शर्मा की बेंच ने कहा कि मामला हाई कोर्ट में लंबित है, और सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना उचित नहीं है।
शरजील के वकील, सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे, ने कहा कि जमानत याचिका 2022 से लंबित है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस चरण में जमानत के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में हाई कोर्ट में कई बार सुनवाई टली है। इस पर जजों ने कहा कि 25 नवंबर को केस हाई कोर्ट में है, और याचिकाकर्ता के वकील उस दिन हाई कोर्ट से तेज सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने कहा, “यह संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई रिट याचिका है, इसलिए हम इस पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट से अनुरोध करने की स्वतंत्रता होगी कि वह जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करे, जैसा कि 25 नवंबर को हाई कोर्ट ने तय किया है। हाई कोर्ट इस अनुरोध पर विचार करेगा।”
मामला क्या है?
शरजील इमाम पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे साजिश के आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इमाम को 28 जनवरी, 2020 को हिरासत में लिया गया था और तब से मुकदमा लंबित है, लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं।
शुरुआत में, इमाम ने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां अप्रैल 2022 में पहली बार जमानत मामले पर सुनवाई हुई, लेकिन मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।