दिल्ली में छह महीने में 47,881 डॉग बाइट्स की रिपोर्टें आई हैं। एक याचिका में, ‘खतरनाक’ नस्ल के कुत्तों के लाइसेंस को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को खतरनाक नस्ल के कुत्तों जैसे पिटबुल, टेरीयर्स, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवीलर को रखने पर पाबंदी लगाने और उसे रद्द करने के लिए केंद्र से तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय नस्लों को प्रोत्साहन की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। यह निर्णय एक प्रतिवेदन के आधार पर किया गया है जिसमें खतरनाक नस्ल के कुत्तों की बढ़ती हुई संख्या और उनके हमलों की चर्चा की गई है। याचिका कर्ताओं ने इसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक समस्या मानकर दिखाया है। दिल्ली नगर निगम को इसमें कदम उठाने के लिए कहा गया है और निर्णय को अंगीकार करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने याचिका में बुलडॉग, रॉटवीलर, पिटबुल, टेरीयर्स, नियोपोलिटन मास्टिफ, जैपनीज टोसा, बैंडॉग, वुल्फ डॉग, बोयरबोल, प्रेसा कैनेरियो, फिला ब्रैजिलियरियो, टोसा इनु, केन कोरसो, डोगो अर्जेन्टीनो और उपरोक्त कुत्तों के संकर नस्लों के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने पर पाबंदी लगाने और उनके लाइसेंस को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया है कि इन कुत्तों द्वारा अपने मालिकों और अन्य लोगों पर हमलों की कई घटनाएं हो रही हैं। उनका तर्क है कि इन नस्लों के कुत्तों पर बाकी के देशों में पाबंदी लगी है, लेकिन दिल्ली नगर निगम अब भी इन्हें पालतू जानवर के रूप में पंजीकृत कर रहा है।