एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, रैपिड रेल के संचालन के लिए 80617 वर्ग मीटर निजी ज़मीन की आवश्यकता है, जबकि बिलासपुर चौक पर स्थित स्टेशन के लिए 12000 वर्ग मीटर ज़मीन की आवश्यकता होगी।
एनसीआरटीसी रैपिड रेल: मानेसर घाटी के दोनों ओर अरावली पर्वत श्रृंखला के कारण, रैपिड रेल को एग्रीकल्चरल लैंड पर दौड़ाने का प्लान है। घाटी में कई तीर्थ मोड़ हैं, जिससे रैपिड रेल को चलाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस प्रक्रिया में उसकी गति को भी सावधानी से बनाए रखना होगा। इसी कारण, नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NCRTC) ने अरावली पर्वत श्रृंखला से रैपिड रेल को हटाने का निर्णय किया है।
NCRTC के अधिकारी के अनुसार, रैपिड रेल को संचालित करने के लिए 80617 वर्ग मीटर निजी ज़मीन की आवश्यकता है, जबकि बिलासपुर चौक पर स्थित स्टेशन के लिए 12000 वर्ग मीटर ज़मीन की आवश्यकता है। NCRTC ने हरियाणा सरकार के हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HMRTC) को इसकी जानकारी दी है और उनसे ज़मीन प्राप्त करने के लिए मदद की गुजारिश की है। NCRTC द्वारा रैपिड रेल की लाइनमेंट में बदलाव होने के कारण, अब एक बार फिर DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है।
दिल्ली से धारूहेड़ा तक दौड़ेगी रैपिड रेल
दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर साइबर सिटी के शंकर चौक के पास उतर में, एनसीआरटीसी द्वारा रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है। इसके लिए Haryana State Industrial and Infrastructure Development Corporation (HSIIDC) को 9000 वर्ग मीटर के हरित क्षेत्र की आवश्यकता होगी। रैपिड रेल दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर बायीं ओर चलेगी, मानेसर बस स्टॉप के पास नीचे उतरेगी और कुकरौला गांव के पास दोबारा एक्सप्रेसवे पर मिलेगी।
दूसरी ओर, गाजियाबाद के साहिबाबाद में शुरू हुई रैपिड रेल के बाद, एनसीआरटीसी ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने की तैयारी को तेज कर दिया है। एनसीआरटीसी ने एयरपोर्ट को गाजियाबाद के बाद दिल्ली से जोड़ने के विकल्प की सिफारिश की है, और इससे संबंधित फीजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रस्तुतीकरण यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष की गई है।