उत्तराखंड में दो अलग-अलग हादसों में दस लोगों की मौत हो गई है। पहला हादसा टिहरी जिले में हुआ, जहां एक व्यक्ति 200 फीट गहरी खाई में गिर गया। दूसरे हादसे में एक कार शारदा नदी में गिर गई और उसमें सवारों की मौत हो गई।
उत्तराखंड दुर्घटना: उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में दो अलग-अलग सड़क हादसों में 10 लोगों की मौत हो गई है। पहली घटना टिहरी जिले के भिलंगना क्षेत्र के बालगंगा में शुक्रवार शाम हुई, जहां एक परिवार की कार, जिसमें पांच सदस्य सवार थे, अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। ये लोग अपने रिश्तेदार के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे।
बालगंगा के तहसीलदार एस पी ममगाई ने बताया कि इस दुर्घटना में पांच व्यक्तियों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि होल्टा गांव के रहने वाले गबर सिंह अपने परिवार के साथ अपनी बहू के मायके राजगांव में किसी रिश्तेदार की मृत्यु की शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद वापस लौट रहे थे, और इसी समय सेंदुल-पटुड गांव मोटर मार्ग पर कार को पीछे करते समय उनकी कार अनियंत्रित हो गई और वे लगभग 200 मीटर गहरी खाई में गिर गए।
200 फीट गहरी खाई में गिरी कार
यह दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने कठिनाइयों के बावजूद मरे हुए लोगों के शवों को खाई से बाहर निकाला। पुलिस के अनुसार, मृतकों में गबर सिंह (63) के अलावा उनकी पत्नी बबली देवी (59), तुलसी देवी (65), सोना देवी (55) और उर्मिला देवी (50) भी शामिल हैं।
खटीमा में हुआ दूसरा हादसा
यह घटना उधमसिंह नगर जिले के खटीमा में लोहिया हेड पावर चैनल के पास हुई, जहां एक कार शारदा नहर में जा गिरी और इसके परिणामस्वरूप पांच व्यक्तियों की मौत हो गई, जिसमें कार चालक भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, इस हादसे का वक्त बृहस्पतिवार देर शाम को हुआ, जब द्रोपदी नामक महिला अपनी पुत्री और अपने भाई के दो बच्चों को साथ लेकर अपने भाई मोहन चंद के अंजनिया स्थित घर से लोहिया हेड पावर हाउस में अपने घर लौट रही थीं।
जब द्रोपदी ने अपने घर तक पहुँचने की कोशिश नहीं की और उनके फोन को बंद पाया गया, तब मोहन चंद ने अपनी स्कूटर पर सवार होकर उन्हें ढूंढ़ने के लिए निकल पड़े। उनके रास्ते में कार को नहर में गिरते हुए देखा गया और उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया। गोताखोरों की सहायता से शवों को नहर से बाहर निकाला गया। मृतकों में द्रोपदी (34), उसकी पुत्री ज्योति, भाई की पुत्री दीपिका (सात वर्ष की), भाई के पुत्र सोनू (पांच वर्ष का) और कार चालक मोहन सिंह धामी शामिल थे। द्रोपदी विधवा थी और वह लोहिया हेड पावर हाउस में काम करती थी।