गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है कि असम की सीमा से लगे जिलों को एक अक्टूबर, 2024 से छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
नगालैंड के आठ और अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और कुछ अन्य क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए नगालैंड के आठ जिलों और पांच दूसरे जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल, 2024 से छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया था.
एक अक्टूबर, 2024 से और छह महीने अशांत क्षेत्र घोषित
गृह मंत्रालय ने नगालैंड में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि कुछ जिलों और थाना क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा तीन के तहत एक अक्टूबर, 2024 से छह महीने के लिए पुनः अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है।
नगालैंड के जिन जिलों में यह अधिनियम दोबारा लागू किया गया है, उनमें दीमापुर, निउलैंड, चुमाउकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्जा और केजोचा थाना क्षेत्र, मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी सी थानाक्षेत्र, लोंगलेंग जिले के यांगलोक थाना क्षेत्र, वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रलान थानाक्षेत्र, तथा जुन्हेबोटो जिले के घटाशी, पुघोबोटो, साटाखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनाटो थानाक्षेत्र भी इस सूची में शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश के ये जिले अशांत घोषित
गृह मंत्रालय ने एक नई अधिसूचना जारी करते हुए बताया है कि केंद्र सरकार ने अफस्पा के तहत अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों, साथ ही असम की सीमा से लगे नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल, 2024 से अशांत क्षेत्र घोषित किया था। इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है।
अधिसूचना के अनुसार, तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले और नामसाई जिले के संबंधित थाना क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा तीन के तहत एक अक्टूबर, 2024 से छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले यह उल्लेख किया था कि पूर्वोत्तर भारत के 70 प्रतिशत क्षेत्रों से अफस्पा हटा लिया गया है, जबकि यह जम्मू-कश्मीर में लागू है। किसी क्षेत्र या जिले को अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने का उद्देश्य वहां सशस्त्र बलों की गतिविधियों को सुगम बनाना होता है। अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों को “कानून व्यवस्था बनाए रखने” के लिए आवश्यकतानुसार तलाशी लेने, गिरफ्तारियां करने और गोलियां चलाने के विशेष अधिकार मिलते हैं।