लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में, बीजेपी के खिलाफ गुटबंदी करने के लिए सीएम नीतीश कुमार एक्टिव दिख रहे हैं। इस मुहिम के संबंध में एक नया अपडेट प्राप्त हुआ है जो बैठक के दौरान सामने आया है।
पटना: सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं और कुछ महीनों से देशभर में इस मामले पर दौरा भी कर रहे हैं। 12 जून को विपक्षी नेताओं की बैठक की तारीख तय हो गई थी, लेकिन इस बैठक को अब ताले बाज़ी की स्थिति में देखा जा रहा है। मीडिया के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को बताया कि 12 तारीख को जो बैठक होने वाली थी, वह अभी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी पार्टियों के प्रमुखों को शामिल होना चाहिए और किसी अन्य प्रतिनिधि को बैठक में शामिल होने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस को भी कहा है कि वे भी आपस में बातचीत करें और इसके बाद तारीख तय करें, जिस दिन बैठक होगी।
कई विपक्षी नेता थे व्यस्त
विपक्षी दलों की पटना में 12 जून को होने वाली बैठक को टाल दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कुछ अन्य प्रमुख विपक्षी नेता बैठक के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इस परामर्श के बाद मुख्य विपक्षी दल द्वारा विचार किया जा रहा है कि बैठक को बाद की तारीख पर आयोजित किया जाए, ताकि वे भी इसमें भाग ले सकें। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक मुन्नेत्र कषगम, और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण 12 जून की बैठक में शामिल होने में कठिनाई महसूस कर रहे थे।
विपक्षी नेताओं से सीएम लगातार कर रहे थे मुलाकात
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के साथ मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने का उद्देश्य रखा है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), वाम दलों के साथ के साथ कई क्षेत्रीय दलों के नेताओं के साथ बातचीत की है। वे हाल ही में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। इसका मकसद विपक्षी दलों के बीच सहयोग और एक मंच बनाकर भा.ज.पा के खिलाफ चुनाव में आपसी समर्थन को बढ़ाना है।