पाकिस्तान की एक अदालत ने नौमान मसीह (19) नामक एक ईसाई लड़के को मौत की सजा सुनाई है और उसे 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा: पाकिस्तान में एक क्रिश्चियन लड़के नौमान मसीह (19) को मौत की सजा सुनाई गई है। उसे एक मैसेजिंग ऐप पर ईशनिंदा संबंधी सामग्री साझा करने का दोषी माना गया है और उसे मौत की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। चार साल पहले उसके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी। यह घटना पाकिस्तान के एक इस्लामिक देश में हुई है।
बहावलपुर का रहने वाला है नौमान मसीह
नौमान मसीह (19) रहता है लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर बहावलपुर की एक इस्लामी कॉलोनी में। पुलिस के मुताबिक, चार साल पहले एक शिकायत के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया था। उसे आरोप लगाया गया था कि वह एक मैसेजिंग ऐप के माध्यम से ईशनिंदा संबंधी सामग्री साझा की थी। अधिकारियों ने अदालत में यह दावा किया कि नौमान मसीह ने व्हाट्सएप के जरिए ईशनिंदा संबंधी सामग्री साझा की थी।
‘व्हाट्सएप पर ईशनिंदा वाली सामग्री शेयर की थी’
पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि नौमान मसीह के खिलाफ तब मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी जब अभियोजक पक्ष ने उसके खिलाफ सबूत और गवाह पेश किए थे। एक अधिकारी ने बताया कि अभियोजकों ने नौमान मसीह के मोबाइल फोन के फॉरेंसिक रिकॉर्ड को अदालत में प्रस्तुत किया था, जिससे साबित हुआ कि उसने व्हाट्सएप के माध्यम से ईशनिंदा संबंधी सामग्री साझा की थी।
2 महिलाएं भी ईशनिंदा में गिरफ्तार की गईं
पाकिस्तान में एक ईसाई महिला और एक अनपढ़ माली को ईशनिंदा का आरोपी बताकर गिरफ्तार किया गया था। इन घटनाओं की रिपोर्ट अप्रैल महीने में प्रकाशित हुई थी। इन गिरफ्तारियों में एक महिला क्रिश्चियन थी जबकि दूसरा व्यक्ति मुस्लिम था। उन पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने कूड़े में इस्लाम की पवित्र किताब के पन्ने जलाए थे।