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पार्टियों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस…

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आबकारी विभाग ने बताया है कि शराब परोसने के लिए लाइसेंस दो श्रेणियों में उपलब्ध हैं। पहली श्रेणी में घरेलू पार्टी को शामिल किया गया है, जब शराब घरेलू स्थानों में सेवित की जाती है। दूसरी श्रेणी में, सामुदायिक हॉल में होने वाले कार्यक्रमों के लिए शराब की सेवा का अनुमति प्रदान की जाती है।

नया साल 2024: नोएडा या ग्रेटर नोएडा में रहने वालों के लिए, जब घर या किसी सामुदायिक हॉल में आयोजित पार्टी में बिना लाइसेंस के शराब परोसा जाता है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस से बचने के लिए, लोग अब आसानी से लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी ने दी है।

गौतम बुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी (DEO) सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि घर या सामुदायिक स्तर पर भी पार्टियों के लिए शराब का लाइसेंस नहीं होना नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना भी शामिल हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि आबकारी नियमों के बारे में लोगों की कम जागरूकता के मद्देनजर अधिकारियों ने कल्याण संघों (RWA) और नागरिकों से संपर्क करना शुरू किया है और उन्हें अल्प समय के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के दिशानिर्देशों की जानकारी दे रहे हैं।

आबकारी विभाग ने की ये व्यवस्था

श्रीवास्तव ने बताया कि अगर कोई बिना लाइसेंस के शराब परोस रहा है, चाहे वह उत्तर प्रदेश में बिक्री के लिए हो या राज्य के बाहर, तो यह पूरी तरह से अवैध है और इस पर आबकारी विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पार्टियों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस दो श्रेणियों में उपलब्ध हैं। पहली श्रेणी घरेलू पार्टी की है, जिसमें जुटने वाले लोगों की संख्या कम होती है और इसके लिए 4000 रुपये का शुल्क है। उन्होंने कहा कि दूसरी श्रेणी के लाइसेंस के लिए 11,000 रुपये का शुल्क है और यह सामुदायिक हॉल, रेस्तरां या भोज सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाली बड़ी भीड़ को शराब परोसने की अनुमति देता है।

अबतक इतने लाइसेंस किए जारी

उन्होंने कहा कि ये दोनों श्रेणी के अनियत लाइसेंस एक दिन के लिए वैध होते हैं और आवेदन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन की दी सकती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में एक अप्रैल से 30 नवंबर तक 5,820 ऐसे लाइसेंस जारी किए गए, जबकि इस वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान 8,770 लाइसेंस जारी किए गए। इस प्रकार लाइसेंस में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। श्रीवास्तव ने कहा कि विभाग ने अकेले नवंबर में 900 ऐसे लाइसेंस जारी किए, जो हाल के दिनों में किसी एक महीने में सबसे अधिक है, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति भी हुई।

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