प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार राजनीति के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रनीति के लिए काम करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, का इतिहास यह है कि वे सैनिकों की चिंता नहीं करते हैं।
कारगिल विजय दिवस समारोह लाइव: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (26 जुलाई 2024) को सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि राष्ट्र के लिए किए गए बलिदान अमर होते हैं। उन्होंने कहा कि सदीयों के बाद भी, अपने प्राणों की आहुति देने वालों के नाम हमेशा अमिट रहते हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत उस समय शांति के प्रयास कर रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने अविश्वसनीय चेहरे को दिखाया। हालांकि, असत्य और आतंक की हार हुई, और पाकिस्तान को अपने दुष्प्रयासों के लिए मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने यह भी साझा किया कि कारगिल युद्ध के समय वह एक सामान्य नागरिक की तरह सैनिकों के बीच थे और उस कठिन समय की स्मृतियाँ आज भी उनके मन में ताजा हैं।
‘अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब दूसरे देशों को ज़्यादा चीज़ें बेच रहा है। सेना ने दूसरे देशों से 5000 से ज़्यादा चीज़ें खरीदना बंद करने का फ़ैसला किया है और अब वो उन्हें भारत में ही बनाएगी। सेना को मज़बूत बनाने के लिए हाल ही में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इसका एक उदाहरण अग्निपथ योजना है, जिसका उद्देश्य सेना को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखना है। कुछ लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा का अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की है, लेकिन सच्चाई यह है कि अग्निपथ योजना हमारे देश को मज़बूत बनाएगी और ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
‘जो युवाओं को गुमराह कर रहे उन्हें सैनिकों की परवाह नहीं’
प्रधानमंत्री इस बात से परेशान हैं कि कुछ लोग सरकार की पेंशन योजना के बारे में झूठ फैला रहे हैं। वो यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि नए भर्ती होने वालों को तुरंत पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि कई सालों बाद मिलेगी। उन्हें अपनी राजनीतिक पार्टी से ज़्यादा देश की परवाह है और वो राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नीतियों पर ध्यान देना चाहते हैं। वो उन लोगों की आलोचना करते हैं जिन्होंने अतीत में सैनिकों की ज़रूरतों की अनदेखी की है, जैसे कि उचित उपकरण न देना और कारगिल विजय दिवस जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का सम्मान न करना।