पुणे में हुए हिट एंड रन केस में कोर्ट ने 3 आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया है, जिसमें से नाबालिग आरोपी भी शामिल हैं।
पोर्श पुणे दुर्घटना: महाराष्ट्र के पुणे में शनिवार रात हुई एक घातक दुर्घटना के मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इनमें जितेश शेवनी, जयेश बोनकर, और नाबालिक आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल शामिल हैं। इस मामले में अब तक कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि पुलिस इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला स्थापित करने का प्रयास कर रही है। पहले, पुणे में एक 17 वर्षीय युवक को उसकी महंगी कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे 7,500 रुपये के मुचलके के साथ उसके दादा ने बुरी संगत से दूर रखने के आश्वासन पर जमानत दी गई थी। रविवार सुबह, पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक पोर्श कार से हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने नाबालिग किशोर के बारे में दावा किया कि वह नशे में था।
नाबालिग के दादा ने दिया आश्वासन
आरोपी किशोर के पिता एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं। आरोपी को बाद में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और कुछ समय बाद उसे जमानत दे दी गई। पुलिस के अनुसार, शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि किशोर अपने दोस्तों के साथ रात साढ़े नौ से एक बजे के बीच दो होटलों में गया था और वहां उसने कथित तौर पर शराब पी थी। रविवार को किशोर न्याय बोर्ड के पारित आदेश में कहा गया, ‘आरोपी किशोर के दादा ने आश्वासन दिया है कि वह बच्चे को किसी भी बुरी संगत से दूर रखेंगे तथा उसकी पढ़ाई पर या कोई ऐसा व्यावसायिक पाठ्यक्रम कराने पर ध्यान देंगे जो उसके कॅरियर के लिए उपयोगी हो। वह उस पर लगाई गई शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं इसलिए किशोर को जमानत पर रिहा करना उचित है।’
आदेश पारित करते हुए बोर्ड ने यह भी कहा कि किशोर को 7,500 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाता है और यह शर्त है कि उसके माता-पिता उसकी देखभाल करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में कभी भी किसी अपराध में वह शामिल ना हो। कोर्ट ने उसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जाकर यातायात नियमों का अध्ययन करने और 15 दिनों के भीतर बोर्ड के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण देने का भी निर्देश दिया।
पुलिस ने माना जघन्य अपराध
आदेश में कहा गया, ‘किशोर सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा.’ पुणे पुलिस ने जमानत आदेश को चुनौती देते हुए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और लड़के के साथ एक वयस्क के रूप में व्यवहार करने की अनुमति मांगी थी क्योंकि उसने जो अपराध किया है वह ‘जघन्य’ है. हालांकि अदालत ने पुलिस से कहा कि वह आदेश की समीक्षा के लिए किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष याचिका दायर करे.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि कार दुर्घटना मामले से निपटने में पुलिस की कोई लापरवाही सामने नहीं आई है और उन्होंने मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों पर किसी तरह का दबाव होने से भी इनकार किया था.