देशभर में नीट पेपर लीक के मामले के बारे में विवाद तेजी से फैल रहा है। विपक्ष ने सरकार को पेपर लीक के मामले पर घेर रहा है और इसे लेकर लगातार सवाल उठा रहा है। अब सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
नीट पेपर लीक: नीट पेपर लीक के मामले में सरकार ने कार्रवाई की तो बिहार आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान को दिल्ली तलब किया गया है। गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने हसनैन खान से मामले की जानकारी लेने के लिए उन्हें बुलाया है। इसके अलावा, पटना से पेपर लीक के मास्टरमाइंड अमित आनंद को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने पेपर लीक किया था। उन्होंने बताया कि छात्रों से 30-32 लाख रुपये की राशि में पेपर लीक के बदले पैसे लिए थे।
बिहार ईओयू ने अब तक नीट पेपर लीक मामले में 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की है और 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। छात्रों से भी जांच की गई है। इस बीच, अमित आनंद ने अपने कबूलनामे में यह भी बताया है कि उन्होंने पहले भी कई बार पेपर लीक करवाया है। उन्होंने बताया कि एक जूनियर इंजीनियर ने उन्हें चार छात्रों को भेजा था, जिन्हें परीक्षा से एक रात पहले क्वेश्चन पेपर और आंसर की रट दी गई थी। पुलिस ने इन सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
शिक्षा मंत्रालय ने ईओयू से मांगी नीट पेपर लीक पर रिपोर्ट
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार (19 जून) को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें बताया गया है कि पटना में नीट एग्जाम के दौरान हुई कथित अनियमितताओं को लेकर। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी, जिसका मकसद परीक्षाओं की विश्वसनीयता और छात्रों के हित की रक्षा करना है।
नीट एग्जाम में धांधली के आरोप लगे हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि यह परीक्षा देश-विदेश के 4,750 सेंटर्स पर पांच मई को आयोजित हुई थी और इसमें करीब 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था। रिजल्ट की घोषणा 14 जून को होने की उम्मीद थी, लेकिन अंततः 4 जून को ही रिजल्ट जारी कर दिया गया। इसके बाद से ही पेपर लीक और अनियमितता के आरोप उठने शुरू हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज किए गए हैं।