प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर ब्रुनेई की यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो ब्रुनेई का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रुनेई के दौरे पर रहेंगे, जहां वह सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर पहुंच रहे हैं। यह यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, और इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।
ब्रुनेई के बाद, पीएम मोदी 4-5 सितंबर के बीच सिंगापुर जाएंगे। उनका सिंगापुर दौरा प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर होगा। इन दोनों देशों की यात्रा में सबसे अधिक ध्यान ब्रुनेई की यात्रा पर केंद्रित है। ब्रुनेई में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की जाएगी, जो इस यात्रा को विशेष बनाती है।
ऐसा होगा पीएम के दौरे का शेड्यूल
- 3 सितंबर को स्थानीय समय शाम 5 बजे पीएम मोदी ब्रुनेई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहंचेंगे. वहां उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा.
- शाम 5:30 बजे उनका होटल में आगमन होगा और सामुदायिक स्वागत किया जाएगा.
- शाम 7:50 बजे भारतीय उच्चायोग के नए चांसरी का उद्घाटन. करेंगे.
- रात 08:15 बजे पीएम मोदी उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा करेंगे.
दौरे पर इन मुद्दों पर होगी बात
विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रधानमंत्री मोदी के ब्रुनेई दौरे को लेकर कई अहम मुद्दे बताए हैं. इनमें से कई काफी अहम है. यही वजह है कि उनके इस दौरे को महत्वपूर्ण कहा जा रहा है.
सेमीकंडक्टर सहयोग: पीएम मोदी ब्रुनेई के सुल्तान के साथ सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे, जो दोनों देशों के बीच तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी को मजबूत कर सकता है।
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश: भारत ने ब्रुनेई के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में 270 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर बात करेंगे, विशेषकर प्राकृतिक गैस की जरूरतों को पूरा करने के लिए।
हाइड्रोकार्बन और प्राकृतिक गैस आयात: भारत, ब्रुनेई से हाइड्रोकार्बन का आयात करता है और वर्तमान में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दे रहा है। पीएम मोदी इस मुद्दे पर विशेष चर्चा करेंगे ताकि आपूर्ति में सुधार हो सके।
म्यांमार की स्थिति: पीएम मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया के साथ म्यांमार की राजनीतिक स्थिति और हालात पर भी बातचीत करेंगे, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।