0 0
0 0
Breaking News

प्रशांत किशोर ने क्यों कही ये बात…

0 0
Read Time:3 Minute, 9 Second

प्रशांत किशोर ने बिहार को देश के सबसे पिछड़े राज्य के रूप में लगातार बयान किया है। उन्होंने इस विषय पर फिर से अपनी बात दोहराई है।

प्रशांत किशोर समाचार: प्रशांत किशोर, जो राजनीतिक विश्लेषक और जन सुराज के संयोजक हैं, अब सक्रिय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। वे अपने संगठन जन सुराज के माध्यम से बिहार में जन-जन तक अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में पैसे वालों को सबसे ज्यादा दिक्कत है, और जब जहाज डूबेगा तो कोई भी बचने वाला नहीं होगा।

उन्होंने इस बात को जताया कि बिहार के विकास में आम लोगों की भागीदारी को लेकर गंभीरता से सोचने की जरूरत है और बताया कि अमीर लोगों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार को सुधारना है, तो सबको कुछ प्रयास करना होगा, न केवल उन्हीं से सब कुछ उमीद करना होगा। उन्होंने यह भी जताया कि बिहार में विकास करने के लिए किसी भी राज्य से आने वाले की जरुरत नहीं है, बल्कि वहाँ के लोगों की स्थानीय पहचान को महत्व देना चाहिए।

‘पैसे वाले लोगों के लड़के नहीं लौटेंगे’- प्रशांत किशोर

पीके, जन सुराज के संयोजक, ने कहा, “जो यहां पैसे वाले हैं, वो सोच रहे हैं कि हमें क्या दिक्कत है. मेरा बेटा तो बेंगलुरु में पढ़ रहा है और वहां नौकरी करेगा। मैं आपको बता रहा हूं कि जो यहां पैसे वाले हैं, उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत है। जो गरीब के बच्चे यहां से मजदूरी करने दूसरी जगह गए हैं, उनका शारीरिक मजदूरी के लायक होने पर वह वापस लौटेगा। लेकिन जो यहां पैसे वाले हैं, उनके बच्चे एक बार बाहर गए तो वे यहां फिर नहीं लौटेंगे.”

प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “आपके घर में दीया-बत्ती जलाने वाला भी नहीं होगा। जब जहाज डूबेगा, तो उसमें बैठे हर आदमी डूबेगा। उसमें अगड़े भी डूबेंगे और पिछड़े भी डूबेंगे। उसमें गरीब भी मरेगा और उसमें अमीर भी मरेगा।”

उन्होंने जो पैसे वाले लोगों की स्थिति को बुद्धिजीवियों के रूप में वर्णित किया और कहा, “आपको जिम्मेदारी लेनी होगी कि बिहार को डूबने से बचाया जाए। अगर यह नहीं होता है, तो आपका भी भला नहीं होगा। इसलिए ही मैं जन सुराज अभियान चला रहा हूं।”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *