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प्रशांत किशोर ने क्यों किया ऐसा वादा…

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प्रशांत किशोर ने बीजेपी की पिछली दो जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में लोगों ने उनसे उम्मीदें रखी थीं, इसलिए उन्हें वोट मिला और 2019 में भी लोगों ने उन पर विश्वास दिखाया।

प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में कई भविष्यवाणियाँ की हैं। उनके अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) फिर से सरकार बनाएगी और सीटों की संख्या 300 से अधिक होगी। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 370 सीटों की जीत का दावा किया है, जिससे वह सहमत नहीं हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा है कि पीएम मोदी तीसरे कार्यकाल में 2014 और 2019 की तरह ताकतवर नहीं रहेंगे।

उनका मानना है कि तीसरे कार्यकाल में वह सरकार जरूर बनाएंगे, लेकिन उन्हें कोई मजबूत विपक्षी दावेदार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब लोगों को लगता है कि उनके पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो उनके हित में काम कर सकता है, तो ऐसे में कोई सरकार हार जाती है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले कहा था कि उनकी सरकार तीसरी बार आएगी तो वह बड़े फैसले लेंगे, और यह संदेश कि तीसरे कार्यकाल में उन्हें वापस आएंगे तो कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, कोई बड़ी बात नहीं है। यह चर्चा चल रही है कि तीसरे कार्यकाल में सरकार क्या करेगी, और मैं देख रहा हूं कि उन्हें तीसरे कार्यकाल में पहले जितनी ताकतवर नहीं दिखेगा।”

प्रशांत किशोर ने व्यक्त किया कि 2014 में लोगों ने पीएम मोदी पर उम्मीद की थी, इसलिए उन्हें वोट दिया, 2019 में उन पर विश्वास किया, लेकिन 2024 में वोट देने के लिए कोई अल्टरनेटिव नहीं है, और उनकी जीत स्वाभाविक होगी। उन्होंने कहा, “2014 में मोदी जी लोगों के लिए बड़ी उम्मीद थे कि वो आएंगे तो देश बदल जाएगा। 2019 में चुनाव में जो वोट था वो उनके प्रति विश्वास का वोट था कि हमें इनपर भरोसा है कि उन्होंने चीजों की शुरुआत की है और हर क्षेत्र में अच्छा होगा। 2024 में वोट तो है बीजेपी का और वह जीतकर भी आ रहे हैं, लेकिन वो वोट एस्केप डिसीजन का है, वोट रिलेक्टेंसी का है और वो वोट कोई ऑल्टरनेटिव न होने का है।”

प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “लीडर की ताकत पब्लिक सपोर्ट होती है और उस सपोर्ट की इंटेन्सिटी में कमी आई है, जिसकी वजह से चैटर है कि ग्राउंड पर मोदी जी के लिए उस तरह की लहर नहीं है। जितने एनालिटिक्स टूल्स हैं, जो डेटा है, जो मोदी जी की मीटिंग्स में अटेंडेंस है, जो टीआरपी है, उनके इंटरव्यू को जितने लोग देख रहे हैं, इस सबको मिलाकर जब आप देखेंगे तो उनके सपोर्टर्स की इंटेंसिटी में कमी आई है।” उन्होंने पिछली दो जीत का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 की जीत फ्लोलैस जीत थी, वो आशा की विजय थी, 2019 विश्वास की विजय थी, लेकिन 2024 की जीत, उनके सामने चैलेंजर नहीं होने की विजय होगी।

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