बांग्लादेश में स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं। इस संदर्भ में, बांग्लादेश के वर्तमान हालात पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
जयशंकर की पीएम मोदी से मुलाकात: बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हालात और भी तनावपूर्ण हो गए हैं। शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से, अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को 50 से अधिक जिलों में 200 से ज्यादा हमलों का सामना करना पड़ा है।
इस सप्ताह स्थिति और बिगड़ी जब हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बाद में, उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया, जिसके बाद ढाका और चटगांव सहित कई स्थानों पर हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। भारत सरकार भी बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता जाहिर कर चुकी है।
इस मामले पर गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री को बांग्लादेश की ताजा स्थिति की जानकारी दी। इसके अलावा, अगर संसद सुचारू रूप से चलती है, तो मोदी सरकार इस मामले पर संसद में बयान देने को तैयार है।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर कांग्रेस ने चिंता व्यक्त की है और मोदी सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। भारत सरकार पहले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर अपना ऐतराज जता चुकी है।
क्या है पूरा मामला:
हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को हाल ही में गिरफ्तार किया गया। उन्हें सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जब वह चटगांव में होने वाली एक रैली में शामिल होने जा रहे थे। मंगलवार को अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
चिन्मय कृष्ण दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 30 अक्टूबर को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता द्वारा चटगांव के कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी। उन पर 25 अक्टूबर को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।