बाबा रामदेव ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के संदर्भ में यह कहा है कि उन्हें आशा है कि विपक्षी दल इस फैसले पर एक बार फिर सोचेंगे। वे पहलवानों को भी इस संदेश की सलाह दे रहे हैं।
संसद भवन का उद्घाटन: रविवार, 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन होने वाला है। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जिसे लोगों की तीव्र सियासी रुचि मिल रही है। विपक्षी दलों में से 21 ने इस समारोह को बहिष्कार का एलान किया है। बीजेपी का कहना है कि सभी पार्टियों को इस मौके पर एकत्र होना चाहिए, जबकि नए संसद भवन को लेकर अब बाबा रामदेव का भी बयान सामने आया है।
बाबा रामदेव ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के संदर्भ में बयान दिया है कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्षी दल इस फैसले पर दोबारा सोचेंगे। उन्होंने पहलवानों को धरना न देने की सलाह दी है, इससे वे उन्नति कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक दिन होगा और इसलिए ऐसा करना उचित नहीं होगा।
नई संसद पर क्या बोले बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के संदर्भ में यह कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, जो ऐतिहासिक है। जो लोग कल संसद का घेराव करने वाले हैं, उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और जिन विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, उन्हें भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि हमारे पहलवान इस बात को समझेंगे और कल संसद की ओर नहीं बढ़ेंगे।”
वास्तविकता में, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और अन्य 21 विपक्षी दलों ने संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस समारोह का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए और उन्हें भी इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ, पिछले एक महीने से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों ने इस दिन संसद के घेराव का एलान किया है। पहलवानों के समर्थन में सैकड़ों महिला खाप पंचायत की सदस्य भी नई संसद के घेराव में शामिल होंगी। इससे देश की राजनीति में गर्माहट बढ़ी है।