पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था नालंदा में घमाका होने के बाद। पुलिस इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। फिर, सोमवार को पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली।
नालंदा: पुलिस ने बिहार के थाना इलाके में स्थित एक बड़ी दरगाह और पहाड़पुरा के नया टोला में स्थित एक झोपड़ी में ईद के दिन ही एक भयानक धमाका घटा दिया था (नालंदा ब्लास्ट)। इसके बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था और एफएसएल (फोरेंसिक वैज्ञानिक लैब) की टीम को जांच के लिए मौके पर बुलाया गया था और कुछ सबूतों को इकट्ठा करने के लिए उनके साथ ले जाया गया था। हालांकि, धमाके के दिन ही पुलिस गतिविधियों में शामिल हो गई थी और जांच के लिए काम करने लगी थी। विदित अपराधी मालिक को पुलिस ने सोमवार शाम को इस धमाके के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। झोपड़ी के मालिक का नाम महमूद आलम के पुत्र मोहम्मद अख्तर (जिसे देहाती कहा जाता है) है। इस मामले में एक और आरोपी भी पहचाना गया है, जिसे लंगड़ा या छोटू के नाम से जाना जाता है, वह घटना के समय झोपड़ी में मौजूद था। वह अभी भी फरार है।
पुलिस गिरफ्तारी के लिए लगातार कर रही थी छापेमारी
बिहार पुलिस के मुताबिक, एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि फरार झोपड़ी मालिक अपने घर में मौजूद है। इस पर पुलिस ने टीम बनाकर इलाके में छापेमारी की और झोपड़ी मालिक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने के बाद, पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया कि अभी भी एक आरोपी फरार है और उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की जाएगी। पुलिस लगातार छापेमारी कार्रवाई कर रही है।
चार आरोपी पहले हो चुके थे गिरफ्तार
झोपड़ी में हुए ब्लास्ट के बाद, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच करने का कार्य शुरू कर दिया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, जो लोग धमाके के स्थान पर मौजूद थे, उनकी पहचान की गई थी। बिहार पुलिस ने इस ब्लास्ट मामले में विस्फोटक अधिनियम के तहत आधा दर्जन आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने पहले ही चार आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली थी।
झोपड़ी में हुआ था धमाका
ईद के दिन झोपड़ी में धमाके होने के बाद, इलाके में हड़कंप फैल गया था और पुलिस ने इलाके को अपने कब्जे में लिया था। शहर में पहले से ही ईद पर्व के आगामी मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद एक धमाका हुआ था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे।
31 मार्च को बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस निकाला गया था और इसके पास गगनदीवान में दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद शहर की स्थिति ख़राब हो गई थी। शहर की हालत इतनी ख़राब हो गई थी कि इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था और अर्धसैनिक बल शहर में तैनात किया गया था। इसके बाद, 1 अप्रैल को पहाड़पुरा मोहल्ले के एक युवक की गोली मारकर हत्या हो गई थी।